KYC के लिए अब नहीं लगाने होंगे बैंकों के चक्कर, RBI ने बदला यह नियम

ग्राहक अब विडियो के जरिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) कर सकेंगे. यानी अब केवाईसी की प्रक्रिया मोबाइल विडियो बातचीत के आधार पर हो सकेगी. इसके साथ ही आरबीआइ ने eKYC और Digital KYC के लिए Aadhaar या अन्य e-doucments को भी अनुमति दी है.

आरबीआई (Photo Credits: PTI)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को केवाईसी (Know Your Customer) नियमों में संसोधन किया है. RBI के इस निर्णय से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी, विशेषकर उन ग्राहकों को जिनका बार बार बैंक आना संभव नहीं है. इसके साथ ही कस्टमर्स कागजी कार्रवाई से भी बच सकेंगे. दरअसल ग्राहक अब विडियो के जरिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) कर सकेंगे. यानी अब केवाईसी की प्रक्रिया मोबाइल विडियो बातचीत के आधार पर हो सकेगी. इसके साथ ही आरबीआइ ने eKYC और Digital KYC के लिए Aadhaar या अन्य e-doucments को भी अनुमति दी है. केवाईसी गाइडलाइन्स में संशोधन के बाद अब दूरदराज के इलाकों में मौजूद फाइनैंशल इंस्टीट्यूशन के अधिकारी पैन या आधार कार्ड और कुछ सवालों के जरिए ग्राहक की पहचान कर सकेंगे.

आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार, रेगुलेटेड संस्थानों को केवाईसी प्रोसेस के दौरान ग्राहक द्वारा दिखाए गए पैन और आधार कार्ड की साफ तस्वीर लेनी होगी. ग्राहक द्वारा e-PAN उपलब्ध कराने की स्थिति में ऐसा नहीं होगा. इसके अलावा अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक देश में ही मौजूद है. इसके लिए लाइव लोकेशन आदि को कैप्चर करना होगा. आरबीआई के इस कदम से भारत उन चुनिंदा बाजारों में शामिल हो गया है जहां नियमों में संशोधन कर विडियो केवाईसी को मंजूरी दी गई है.

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आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहक की पहचान सत्यापित करने के एक सहमति आधारित वैकल्पिक तरीके के रूप में V-CIP को मान्यता देने का निर्णय लिया है. आरबीआई ने अपने नोटिफिकेशन में रेगुलेटेड संस्थाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI और चेहरे की मिलान वाली तकनीक) जैसी आधुनिक उपलब्ध तकनीकी की सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित हो.
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