Ranchi: आवासीय स्कूल की अव्यवस्था से त्रस्त छात्राओं के सब्र का टूटा बांध, एनएच पर धरने पर बैठीं
रांची के बुंडू में प्रमंडल स्तरीय बालिका आवासीय विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान छात्राओं के सब्र का बांध गुरुवार को टूट पड़ा. बदइंतजामी पर विरोध जताते हुए वह एनएच 33 रांची-टाटा रोड पर धरना पर बैठ गईं.
रांची: रांची के बुंडू में प्रमंडल स्तरीय बालिका आवासीय विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान छात्राओं के सब्र का बांध गुरुवार को टूट पड़ा. बदइंतजामी पर विरोध जताते हुए वह एनएच 33 रांची-टाटा रोड पर धरना पर बैठ गईं.
छात्राओं ने कहा कि स्कूल में सुरक्षा, पेयजल, मेस के साथ-साथ पठन-पाठन की सुविधाओं का अभाव है. बार-बार की गुहार के बावजूद कोई उनकी सुन नहीं रहा, इसलिए उन्होंने सड़क पर आने का फैसला किया. Horrifying Video: स्कूल से लौट रही बच्ची को गाय ने सींग से उछाला, फिर पटककर पैरों से रौंदा
छात्राओं की शिकायत है कि स्कूल में सुरक्षा गार्ड नहीं है. टॉयलेट खुद साफ करना होता है. पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है. गंदे पानी से खाना बनाना पड़ता है. प्रिंसिपल को शिकायत करने के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है. मात्र पांच शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहा है. यहां राज्य के अलग-अलग जिलों की 60 बच्चियां रहती हैं. सभी दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं.
उनका कहना है कि कई वर्षों से स्कूल में नामांकन बंद है. सुविधाओं की अनुपलब्धता की शिकायत करने पर प्रैक्टिकल में नंबर कम करने की धमकी दी जाती है.
पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद एक बार स्कूल में पहुंचे थे और उन्होंने समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया था. उनके निधन के बाद से विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी और हमारी समस्याएं जस की तस हैं.
बच्चियां इस बात पर अड़ी थीं कि जब तक स्कूल में शिक्षक समेत अन्य जरूरी सुविधाएं बहाल नहीं की जायेगी तब तक हम स्कूल नहीं जायेंगे.
बुंडू के सीओ राजेश डुंगडुंग ने बताया कि स्कूल में जरूरी सुविधाएं न होने की वजह से बच्चियां परेशान हैं. इस वजह से वो एनएच पर धरने पर बैठ गयीं. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा छात्राओं की शिकायत सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिए जाने के बाद लगभग दो घंटे बाद वह धरने से उठीं.