राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ भरा दम, कहा- कश्मीर भारत का था, है और रहेगा
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credit-Facebook)

जयपुर: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सोमवार को पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) के सामने एक पेशकश की. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से दो टुक कहा कि अगर वह अपने दमखम पर आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर पा रहा है तो भारत की मदद ले सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश से नक्सलवाद अगले पांच साल में खत्म हो जाएगा. कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को चेताते हुए सिंह ने कहा कि कश्मीर (Kashmir) तो भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. मुद्दा अभी आतंकवाद और अगर आतंकवाद पर पाकिस्तान बात करना चाहता है तो बात हो सकती है.

चुनावी दौरे पर राजस्थान पहुंचे राजनाथ सिंह ने कहा "मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर अफगानिस्तान में अमेरिका का सहयोग लेकर तालिबान के खिलाफ लड़ाई हो सकती है तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई क्यों नहीं हो सकती? पाकिस्तान को अगर लगता है कि वह अकेले अपने दमखम पर आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकता तो अपने पड़ोसी देश भारत से भी वह सहयोग ले सकता है"

मुद्दा कश्मीर नहीं आतंकवाद है 

कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी यह संदेश देना चाहता हूं… मुद्दा कश्मीर नहीं है. कश्मीर तो भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. मुद्दा है तो आतंकवाद और अगर आतंकवाद पर पाकिस्तान बात करना चाहता है तो बात हो सकती है.’

आतंकवाद पर बोलते हुए गृह मंत्री ने आगे कहा ‘मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि आतंकवाद समाप्त हो गया हैं लेकिन साढ़े चार साल में देश में आतंकवाद की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है. यह केवल कश्मीर में सिमट गया है. वहां भी हालात सुधर रहे हैं. हम ने पूरे जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक प्रक्रिया में लाकर खड़ा किया है.

देश की सीमाएं सुरक्षित

गृहमंत्री ने कहा कि देश और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं आतंकवाद में कमी आई है और नक्सलवाद अगले कुछ साल में खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि देश सुरक्षित है. जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं. देश का मस्तक ऊंचा रहेगा।' सिंह ने कहा, 'बीते चार साल में पहले की तुलना में नक्सलवाद में 50-60 प्रतिशत की कमी आई है. 90 जिलों का नक्सलवाद आठ नौ जिलों में सिमट कर रह गया है. तीन से पांच साल में यह नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा.'