राजस्थान की स्कूलों में नहीं मनाया जाएगा International Yoga Day, जानें वजह
इससे पहले राजस्थान के पाठ्यक्रम में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर वीर व वीरांगनाओं के अपमान को लेकर बीजेपी ने जमकर हंगामा किया था. राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम की किताबों में वीर सावरकर व महाराणा प्रताप के बाद अब सती तथा जौहर प्रथा और नोटबंदी से जुड़े तथ्यों में कथित बदलाव को लेकर यह बहस शुरू हुई
जयपुर: राजस्थान की सरकार ने शैक्षिक सत्र में बदलाव किया है. यह नया बलाव इस बार से लागू हो जाएगा. इस बार स्कूलों में ग्रीष्मावकाश ( summer holiday ) 18 जून के बजाए 23 जून तक होगा. जिसके कारण स्कूलों में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस ( International Yoga Day) नहीं मन पाएगा. वहीं शीतकालीन अवकाश पूर्व शिक्षा सत्र 2013 के समान ही रहेगा लेकिन उसे 15 दिनों से कम कर के सिर्फ 7 दिनों का कर दिया है. केंद्र सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू किया था.
प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा कि,आज शैक्षिक सत्र 2019-20 का शिविरा पंचांग जारी किया गया है. ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सत्रारम्भ की पूर्व तैयारियों हेतु 24 जून से सभी विद्यालय खुलेंगे, सत्र की शुरुआत 1 जुलाई 2019 एवं समापन 16 मई 2020 को होगा. शीतकालीन अवकाश 25 से 31 दिसंबर तक ही रहेगा. वैसे विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र-पत्र 2018 में शिक्षा, स्कूलों की समय सारणी और कार्यअवधी को लेकर वादा भी किया था.
इससे पहले राजस्थान के पाठ्यक्रम में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर वीर व वीरांगनाओं के अपमान को लेकर बीजेपी ने जमकर हंगामा किया था. राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम की किताबों में वीर सावरकर व महाराणा प्रताप के बाद अब सती तथा जौहर प्रथा और नोटबंदी से जुड़े तथ्यों में कथित बदलाव को लेकर यह बहस शुरू हुई.
यह भी पढ़ें:- राजस्थान के बच्चे पढ़ेंगे विंग कमांडर अभिनंदन की शौर्य गाथा
बीजेपी सरकार के समय स्कूलों को 19 जून से ही शुरू करने की व्यवस्था की गई थी. इसका मकसद 21 जून को योग दिवस कार्यक्रम था. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित 21 जून को योग दिवस मनाने की घोषणा की थी. संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव को सभी 193 देशों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया था और 177 देश इसके प्रायोजन में सहयोगी रहे.