Rajasthan: पीएम नरेंद्र मोदी ने 1111वें 'अवतरण महोत्सव' में गुर्जरों के साथ तालमेल बिठाया
प्रधानमंत्री ने कहा, आज पूरी दुनिया बड़ी उम्मीद से भारत की ओर देख रही है. उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में भारत के शक्ति प्रदर्शन से वीरों की इस भूमि का गौरव भी बढ़ा है. आज, भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करते हुए विश्वास के साथ बोलता है.
भीलवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शनिवार को राजस्थान (Rajasthan) के दौरे पर पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुर्जरों के देवता भगवान श्री देवनारायण (Shri Devnarayan) के 1111वें 'अवतरण महोत्सव' (Avataran Mahotsav) के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए आज सुबह भीलवाड़ा (Bhilwada) पहुंचे. इस अवसर पर पीएम मोदी ने 'मंदिर दर्शन' और 'परिक्रमा' की और नीम का पौधा लगाया. उन्होंने यज्ञशाला में चल रहे विष्णु महायज्ञ में पूणार्हुति दी. इस शुभ अवसर पर उपस्थित होने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पीएम ने कहा कि वह एक प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक तीर्थयात्री के रूप में हैं, जो भगवान श्री देवनारायण जी का आशीर्वाद लेने की इच्छा रखते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यज्ञशाला में चल रहे विष्णु महायज्ञ में 'पूणार्हुति' करने में सक्षम होने के लिए भी आभार व्यक्त किया. मोदी ने कहा, मैं देवनारायण जी और 'जनता जनार्दन' दोनों के 'दर्शन' पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं. यहां के किसी भी अन्य भक्त की तरह, मैं भी भगवान श्री देवनारायण जी से राष्ट्र के निरंतर विकास और गरीबों के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगता हूं. BBC डॉक्यूमेंटी पर बोले आरिफ मोहम्मद खान- दुनिया में भारत का जलवा, इसलिए कुछ लोग हताश हैं
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत केवल एक भूमि नहीं है बल्कि सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है. उन्होंने भारतीय सभ्यता के लचीलेपन के बारे में बात की क्योंकि कई अन्य सभ्यताएं बदलते समय के अनुकूल नहीं बन सकीं और नष्ट हो गईं. पीएम ने कहा कि भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने की तमाम कोशिशों के बावजूद कोई ताकत भारत को खत्म नहीं कर सकती. आज का भारत एक भव्य भविष्य की नींव रख रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्र की अमरता को संरक्षित करने वाले भारतीय समाज की ताकत और प्रेरणा को श्रेय दिया. भारत की हजार साल पुरानी यात्रा में समाज की ताकत के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने उस ऊर्जा का उल्लेख किया जो इतिहास के प्रत्येक काल में समाज के भीतर से उत्पन्न होती है और सभी के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करती है.
प्रधानमंत्री ने लोगों के कल्याण के लिए श्री देवनारायण की भक्ति और मानवता की सेवा के लिए उनकी पसंद को याद किया. भगवान देवनारायण द्वारा दिखाया गया मार्ग 'सबका साथ' के माध्यम से 'सबका विकास' का है और आज देश उसी पथ पर चल रहा है. भगवान देवनारायण के 'गौ सेवा' को समाज सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम बनाने के अभियान का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश में गौ सेवा की बढ़ती भावना की ओर इशारा किया. उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोग के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना और राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बारे में भी बताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने पाबूजी को तेजाजी, रामदेवजी को गोगाजी, महाराणा प्रताप को बप्पा रावल जैसे व्यक्तित्वों के अमूल्य योगदान का उल्लेख किया और कहा कि इस भूमि से महान हस्तियों, नेताओं और स्थानीय देवताओं ने हमेशा देश का मार्गदर्शन किया है. उन्होंने गुर्जर महिलाओं की वीरता और योगदान को भी रेखांकित किया और रामप्यारी गुर्जर व पन्ना धाय को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, यह परंपरा आज भी फल-फूल रही है. यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वह स्थान नहीं मिल सका, जिसके वे हकदार थे. लेकिन नया भारत पिछले दशकों की इन गलतियों को सुधार रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, आज पूरी दुनिया बड़ी उम्मीद से भारत की ओर देख रही है. उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में भारत के शक्ति प्रदर्शन से वीरों की इस भूमि का गौरव भी बढ़ा है. आज, भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करते हुए विश्वास के साथ बोलता है. हमें अपने संकल्पों को सिद्ध करके दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने सफल होने में विश्वास व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भगवान देवनारायण जी और सबका प्रयास के आशीर्वाद से सफल होने में विश्वास व्यक्त किया. रिपोर्ट के अनुसार, इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मलसेरी डूंगरी के प्रधान पुजारी हेमराज जी गुर्जर और सांसद सुभाष चंद्र बहेरिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.