पिता ने कहा डॉक्टर इंजीनियर ही सब कुछ होता है तो बेटे ने MBBS किया, फिर कहा, IAS बनना है तो पास की UPSC की परीक्षा
UPSC Exam Results: राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले दीपक कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा (UPSE Exam) पास कर अपने गांव बड़ागांव (Badgaon, Jhunjhnu, Rajasthan) नाम देश भर में रोशन किया कर दिया है. दीपक कुमार (UPSC Deepak Kumar) एक प्रोफेशनल डॉक्टर हैं. अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और फिर वे डॉक्टर बने.
UPSC Exam Results: राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले दीपक कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा (UPSE Exam) पास कर अपने गांव बड़ागांव (Badgaon, Jhunjhnu, Rajasthan) नाम देश भर में रोशन किया कर दिया है. दीपक कुमार (UPSC Deepak Kumar) एक प्रोफेशनल डॉक्टर हैं. अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और फिर वे डॉक्टर बने. यह भी पढ़ें: UPSC Civil Services Final Result 2020: शुभम कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में किया टॉप, लड़कियों में जागृति अवस्थी का रहा दूसरा स्थान
उनके पिता पूर्व सरपंच और आर्मी रिटायर्ड सत्यकुमार ने उनसे कभी कहा था कि डॉक्टर और इंजीनियर ही सब कुछ होते हैं इसलिए या तो डॉक्टर बनना या फिर इंजीनियर. पिता का मान रखने के लिए दीपक कुमार ने अपना करियर मेडिकल फील्ड में बनाया. लेकिन वे कुछ ओर करना चाहते थे.
पिता के सपने को पूरा करने के बाद उन्होंने अपने दिल की सुनी और डॉक्टरी के साथ-साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी मे जुट गए. हाल ही में घोषित हुए परिणामों में दीपक कुमार ने यूपीएससी में ऑल इंडिया 694वीं रैंक हासिल की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. दीपक कुमार जिले के एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात हैं.
दीपक कुमार के दो भाई ओर हैं. पिता के कहने पर तीनों ने अपने प्रोफेशन में इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की. एक बेटा इंजीनियर तो दो डॉक्टर बने. भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद पिता सत्यकुमार जब गांव आए और चुनाव जीतकर सरपंच बने तो इस दौरान उन्हें सिविल सर्विस की महत्वता का पता चला. इंजीनियर डॉक्टर बन चुके बच्चों से पिता ने यूपीएसी की तैयारी करने कीकी बात कही.
इसके बाद डॉक्टर दीपक कुमार भी अपने सपने को पूरा करने के लिए जोर-शोर से जुट गए. दीपक कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर न सिर्फ अपना बल्की पिता के सपने को भी दोबारा पूरा किया है. जबकी उनका दूसरा बेटा जी जान से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जुटा है.
पिता ने कहा कि, पहले मुझे लगता था कि डॉक्टर और इंजीनियर सब कुछ होता है लेकिन सरपंच बनने के बाद जब सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों से मुलाकातें हुई तो एक आईएएस और आईपीएस और प्रशासनिक अधिकारियों के काम और महत्व का पता चला. इसके बाद अपने बेटों से प्रशासनिक अधिकारी बनने की इच्छा जताई थी. बता दें कि दीपक कुमार ने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है. इससे पहले वे तीन बार तक इंटरव्यू में पहुंचे थे लेकिन विफल रहे थे लेकिन इस बार उन्होंने यूपीएससी में 694वीं रैंक हासिल की है.
यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले 29 वर्षीय डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि युवाओं को सरकार, समाज और अपने परिवार की कमियों या फिर अन्य कमियों का रोना नहीं रोना चाहिए. उन्होंने कहा उन्हें अपनी कमियों को अवसर बनाकर आगे बढ़ना चाहिए. ऐसे युवाओं को सफलता जरूर मिलेगी. उन्होंने कहा कि बंदिशों से घबराएं नहीं. उन्हें अवसरों में बदलें.