VIDEO: बुलेट ट्रेन भी पीछे! भारत में 1000 KM घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, रेल मंत्री ने किया हाइपरलूप का निरीक्षण

1000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार! भारत के पहले हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है. आईआईटी मद्रास के युवा इंजीनियरों ने इस क्रांतिकारी तकनीक को विकसित किया है, जिसे रेल मंत्री ने खुद परखा. जानिए कैसे मैग्नेटिक लैविटेशन से हवा में तैरती ट्रेन हमारे सफर का अंदाज बदल देगी!

भारत में परिवहन प्रणाली को एक नई दिशा देने के लिए हाइपरलूप तकनीक पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को देश के पहले हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का निरीक्षण किया. यह ट्रैक करीब 422 मीटर लंबा है और इसमें 1000 किमी/घंटे की अविश्वसनीय गति से ट्रेन दौड़ सकती है. इस अत्याधुनिक तकनीक को आईआईटी मद्रास के युवा इंजीनियरों की टीम ने डिजाइन किया है.

भविष्य का ट्रांसपोर्ट: हाइपरलूप

रेल मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर भविष्य के ट्रांसपोर्ट में इनोवेशन कर रही है. आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक पर काम जारी है, जिसमें वैक्यूम उत्पन्न कर ट्रेन को ट्रैक से ऊपर मैग्नेटिक लैविटेशन के माध्यम से चलाया जाएगा. इस तकनीक के सफल होने पर 300 किमी की दूरी मात्र 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी.

छात्रों का इनोवेशन: 1000 किलो की क्षमता वाला पॉड

आईआईटी मद्रास के हाइपरलूप प्रोजेक्ट से जुड़े छात्र सचिन पांडे ने बताया कि वर्तमान में जो पॉड डिजाइन किया जा रहा है, उसकी परिवहन क्षमता 1000 किलो है. इसका अर्थ है कि यह 11 व्यक्तियों या 1000 किलो वजन के सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकता है. यह भविष्य की परिवहन प्रणाली को अधिक तेज़ और कुशल बनाएगा.

क्या है हाइपरलूप तकनीक?

हाइपरलूप एक क्रांतिकारी परिवहन प्रणाली है, जिसमें ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड पर चलती है. इस तकनीक के तहत:

हाइपरलूप के संभावित लाभ

भारत में परिवहन के क्षेत्र में हाइपरलूप एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है. आईआईटी मद्रास के छात्रों द्वारा किया जा रहा यह इनोवेशन देश के भविष्य के ट्रांसपोर्ट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है.

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