India-China Face-Off: गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों के परिजनों को राहुल गांधी ने लिखा पत्र, जज्बे को किया सलाम
राहुल गांधी ने शहीद परिवारों को लिखा पत्र (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: भारत व चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सीमा पर तनाव को कम करने के लिए गुरुवार को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हुई. खबरों की माने तो दोनों देशों के बीच बातचीत में कुछ सकारात्मक बिंदुओं पर बात खत्म हुई. जो एक बार फिर से शुक्रवार को बात होगी. देश के लिए अपनी जान गवाने वाले शहीद जवानों लेकर हर कोई जहां चीन के प्रति अपना गुस्सा दिखा रहा है. तो वहीं लोग शहीद हुए जवानों के परिवार के प्रति संवेदन प्रकट कर रहा है. देश के लिए गलवान घाटी पर अपनी जान गवाने वालें शहीद परिवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने परिवार के प्रति अपनी संदेना प्रकट की है.

राहुल गांधी की तरफ से लिखा एक ऐसा ही पत्र मीडिया को प्राप्त हुआ है. जिस पत्र में उन्होंने तमिलनाडु के हवलदार थिरु के पलानी की पत्नी को लिखा है. जिसमें उन्होने लिखा है कि मुझे आपके पति थिरु के पलानी (Havildar Thiru K Palani) की दुःखद मृत्यु से बहुत गहरी पीड़ा पहुंची है.  उनके बलिदान के आगे  पर आज, पूरा देश नतमस्तक है. हम उनकी इस देशभक्ति और जज्बे को कभी नहीं भूलेंगे. हर एक भारतवासी शांति और आजादी से रह सके यह सुनिश्चित करते हुए उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी. वहीं पत्र में हवलदार थिरु के पलानी के परिवार को इस मुसीबत की घड़ी में साहस बढ़ाते हुए और कई बाते लिखी हैं. यह भी पढ़े: लद्दाख में चीन के साथ हिंसक झड़प पर भारतीय सेना का बयान: गलवान घाटी में चीनी सेना से संघर्ष में 20 जवान हुए शहीद

शहीद परिवारों को राहुल गांधी ने लिखा पत्र:

दरअसल घटना के बाद से ही राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी को घेर रहे हैं. वे प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं कि देश के 20 'निहत्थे' जवानों को मार दिया जाता है और प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप हैं. राहुल गांधी अपने सवाल में पीएम मोदी से यह भी पूछा है कि श जानना चाहता है कि "चीन की हिम्मत कैसे हुई जो उसने हमारे निहत्थे सैनियों को मारा? हमारे सैनिकों को निहत्थे वहां शहादत के लिए क्यों भेजा गया.

बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी  में 15 जून की रात  चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए है. वहीं चीन की तरफ से करीब 43 सैनिकों के घायल या फिर मारे जाने के बारे में खबर हैं. लेकिन चीन अपनी बदनामी को लेकर खुलासा नहीं कर रहा है.