GPS चालू रखने की शर्त पर हाईकोर्ट ने शख्स को दी जमानत, Chat history भी नहीं कर सकता डिलीट

जेल से रिहा होने के पंद्रह दिनों के भीतर, याचिकाकर्ता को एक स्मार्टफोन खरीदना होगा और उसका आईएमईआई नंबर और अन्य विवरण उपरोक्त पुलिस स्टेशन के एसएचओ/आईओ को सूचित करना होगा.

हुसैन अब्बास उर्फ टीपू बनाम हरियाणा राज्य: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक शख्स को इस शर्त पर जमानत दी कि आरोपी स्मार्टफोन खरीदेगा, जीपीएस चालू रखेगा और व्हाट्सएप हिस्ट्री डिलीट नहीं करेगा.

न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने कहा कि आरोपी को व्हाट्सएप चैट और कॉल लॉग को क्लियर नहीं करना चाहिए और न ही संबंधित जांच अधिकारी या स्टेशन हाउस ऑफिसर की अनुमति के बिना स्मार्ट फोन को फॉर्मेट करना चाहिए. न्यायाधीश ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन शर्तों का उल्लंघन होता है को उसकी जमानत रद्द की जा सकती है. ये भी पढ़ें- PM Modi Degree Case: पीएम मोदी के यूनिवर्सिटी डिग्री मामले में गुजरात HC ने फैसला सुरक्षित रखा

जमानत आदेश में कहा गया है, "जेल से रिहा होने के पंद्रह दिनों के भीतर, याचिकाकर्ता को एक स्मार्टफोन खरीदना होगा और उसका आईएमईआई नंबर और अन्य विवरण उपरोक्त पुलिस स्टेशन के एसएचओ/आईओ को सूचित करना होगा. याचिकाकर्ता को फोन स्थान/GPS को हमेशा "ऑन" पर रखना होगा. जब भी जांच अधिकारी लोकेशन शेयर करने के लिए कहता है, याचिकाकर्ता तुरंत ऐसा करेगा. याचिकाकर्ता संबंधित एसएचओ/आईओ की अनुमति के बिना न तो GPS हिस्ट्री, व्हाट्सएप चैट, कॉल लॉग्स को साफ करेगा और न ही फोन को फॉर्मेट करेगा."

यह आदेश भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 148, 149, 307 और 427 के तहत दंगा, घातक हथियार से लैस, गैरकानूनी विधानसभा, हत्या के प्रयास और शरारत के आरोपों से जुड़े एक मामले में पारित किया गया था.

अन्य जमानत शर्तें

लगाई गई अन्य ज़मानत शर्तों में ₹10,000 का निजी मुचलका भरना और संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पक्ष में ₹25,000 की ज़मानत प्रस्तुत करना या ₹10,000 की सावधि जमा करना शामिल है.

 

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