Punjab: गलवान घटी में शहीद हुए जवानों के भाई-बहनों को मिलेगी सरकारी नौकरी, कानून में किया गया संशोधन

राज्य सरकार की मौजूदा नियुक्ति की नीति को अपवाद बनाते हुए पंजाब कैबिनेट ने गलवां घाटी में शहीद हुए जवानों के विवाहित भाई-बहनों को राज्य सेवाओं में नौकरी प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी.

चंडीगढ़, 18 नवंबर: राज्य सरकार की मौजूदा नियुक्ति की नीति को अपवाद बनाते हुए पंजाब (Punjab) कैबिनेट ने गलवां घाटी (Galwan Valley) में शहीद हुए जवानों के विवाहित भाई-बहनों को राज्य सेवाओं में नौकरी प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी. अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा सिपाही गुरतेज सिंह (Gurtej Singh), सिपाही गुरबिंदर सिंह (Gurbindar Singh) और लांस नायक सलीम खान (Salim Khan) द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में यह निर्णय लिया गया है.

मौजूदा नियमों के अनुसार, केवल परिवार के आश्रित सदस्य या पत्नी/बेटा/बेटी नौकरी के लिए पात्र थे, लेकिन इन तीन जवानों के मामले में, चूंकि परिवार का कोई भी आश्रित सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए सरकार ने अपवाद बनाने और उनके शादीशुदा भाइयों को नौकरी देने का फैसला किया. यह भी पढ़े:  पंजाब सरकार ने लद्दाख में शहीद सैनिकों के भाइयों को नौकरी देने के लिए नियमों में ढील दी.

इसका खुलासा करते हुए, मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सिपाही गुरतेज सिंह के भाई गुरप्रीत सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह के भाई गुरप्रीत सिंह (Gurpreet Singh) और लांस नायक सलीम खान के भाई नियामत अली ने युद्ध नायकों के आश्रित सदस्यों की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आने के बावजूद राज्य सेवाओं में नियुक्ति के लिए आवेदन किया था.

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