महबूबा मुफ्ती चली इमरान खान की राह, कहा- युद्ध की बात करना अनपढ़ता, देना चाहिए एक मौका
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को फिर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोली है. एक तरफ पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान को दुनिया के सामने एक्सपोज करने में जुटा है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को फिर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोली है. एक तरफ पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान को दुनिया के सामने एक्सपोज करने में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर महबूबा पाकिस्तान के इमरान सरकार को एक मौका देने की वकालत कर रही है.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक सामग्री से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही बस में टक्कर मार दी थी. इस सुसाइड अटैक में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गये थे. पाकिस्तान प्रायोजित इस हमले को लेकर पूरा देश आक्रोशित है. इस जघन्य हमले का मुहतोड़ जवाब देने की मांग उठ रही है. तो दूसरी तरह महबूबा ने मांग कि है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक अवसर देना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की कमान संभाली है.
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसे माहौल में सिर्फ अनपढ़ लोग ही युद्ध की बात कर रहे हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु ताकत वाले देश हैं. दोनों के पास बातचीत के अलावा कोई रास्ता नहीं है, इसलिए युद्ध की बात नहीं करनी चाहिए.
इससे पहले मुफ्ती ने कहा था कि पाकिस्तान को पुलवामा हमले के लिए सबूतों के आधार पर ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने पाकिस्तान पीएम को सलाह देते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी एक होनी चाहिए. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘असहमत. उन्हें (पाकिस्तान को) पठानकोट हमले पर डोजियर दिया गया था, लेकिन षड्यंत्रकारियों को दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह समय कथनी और करनी एक होने का है.’’
महबूबा ने आगे कहा, ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में कमान संभाली है. नि:संदेह (भारत में) युद्ध उन्माद का आसन्न चुनावों से ज्यादा संबंध है.’’