उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2018 से गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों के तहत 3,190 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क और ध्वस्त कर दिया है। इसके अलावा, उन बदमाशों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत कार्यवाही शुरू की गई, जिन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था और जिन्होंने अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था. यह भी पढ़ें: देश में जल्द शुरू होंगी 5जी सेवाएं : मोदी
पुलिस के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी योगी सरकार के पहले 100 दिनों में गैंगस्टरों की 864 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हर जिले के टॉप 20 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि योगी सरकार के पहले पांच वर्षो के दौरान कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है,उन्होंने कहा कि प्रदेश से संगठित अपराध को खत्म कर योगी सरकार उत्तर प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में सफल रही है
अवस्थी ने कहा, "माफिया के संरक्षण में चल रहे अवैध बूचड़खानों और अवैध पार्किं ग स्टैंडों को ध्वस्त कर दिया गया है. सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के प्रयास किए गए हैं और कोयले के अवैध कारोबार में शामिल माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की गई है. अवैध रूप से शामिल बदमाशों की संपत्तियां व्यवसाय संलग्न कर दिया गया है और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं."
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान राज्य स्तर पर 50 और मुख्यालय स्तर पर 12 माफिया समूहों की पहचान की गई है, अधिकारी ने कहा कि 62 माफिया समूहों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की गई है.
पुलिस डोजियर के अनुसार, 405 मामलों में 431 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। दो दर्जन से अधिक मामलों में वांछित दो अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए हैं, जबकि 20 गैंगस्टर मामलों के प्रभावी अवलोकन के कारण दोषी ठहराए गए हैं.
अवस्थी ने कहा कि दो बदमाशों को मौत की सजा दी गई और 65 अन्य के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई.