MPox Cases: एमपॉक्स महामारी को लेकर एक्शन में मोदी सरकार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव PK मिश्रा ने दिल्ली में तैयारियों की समीक्षा के लिए की उच्चस्तरीय बैठक, दिए ये निर्देश
Mpox Cases (img: Pixabay )

MPox Cases: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सलाह के अनुसार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने देश में एमपॉक्स को लेकर तैयारियों की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. ध्यान देने योग्य बात यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसके व्यापक प्रसार को देखते हुए 14 अगस्त, 2024 को एमपॉक्स को फिर से अंतर्राष्ट्रीय चिंता और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया है. डब्ल्यूएचओ के एक पूर्व वक्तव्य के अनुसार, 2022 से वैश्विक स्तर पर 116 देशों से एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई थीं.

इसके बाद, उन्होंने बताया है कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई और इस साल अब तक दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 15, 600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में अंतर्राष्ट्रीय चिंता से जुड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के बाद से भारत में 30 मामले सामने आए हैं। एमपॉक्स का आखिरी मामला मार्च 2024 में पता चला था, यह भी पढ़े: Africa Mpox Cases: अफ्रीका में तेजी से फैल रहा एमपॉक्स, प्रसार रोकने के लिए तत्काल उठाए जाएं कदम- जीन कासेया

उच्चस्तरीय बैठक में बताया गया कि अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है.  वर्तमान आकलन के अनुसार, निरंतर संक्रमण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है,

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव को बताया गया कि एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर अपने-आप में 2-4 सप्ताह तक चलने वाला संक्रमण है; एमपॉक्स के मरीज आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं। एमपॉक्स से संक्रमित मरीज के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क के माध्यम से इसका संक्रमण होता है। यह मुख्य रूप से यौन मार्ग, मरीज के शरीर/घाव द्रव के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों/लिनन के माध्यम से होता है,

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में निम्नलिखित कदम उठाए जा चुके हैं:

o भारत के लिए जोखिम का आकलन करने के लिए 12 अगस्त, 2024 को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई गई थी,

o एनसीडीसी द्वारा पहले जारी किए गए एमपॉक्स पर एक संक्रामक रोग (सीडी) अलर्ट को नए घटनाक्रमों का पता लगाने के लिए अद्यतन किया जा रहा है,

o अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों (प्रवेश के बंदरगाहों) पर स्वास्थ्य टीमों को संवेदनशील बनाया गया है,

यह भी बताया गया कि आज सुबह महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) द्वारा 200 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। इस संबंध में राज्यों में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) इकाइयों और प्रवेश के बंदरगाहों आदि सहित राज्य स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील बनाया गया,

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने निर्देश दिया कि निगरानी बढ़ाई जाए और मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रारंभिक निदान के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को तैयार किया जाना चाहिए। वर्तमान में 32 प्रयोगशालाएं परीक्षण के लिए सुसज्जित हैं,

डॉ. पी.के. मिश्रा ने निर्देश दिया कि बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल बड़े पैमाने पर प्रसारित किए जा सकते हैं, इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच बीमारी के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता अभियान एवं निगरानी प्रणाली को समय पर सूचित करने की आवश्यकता पर जोर दिया,

नीति के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) श्री अपूर्व चंद्रा, सचिव (स्वास्थ्य अनुसंधान) डॉ. राजीव बहल, सदस्य सचिव (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) श्री कृष्ण एस वत्स, सचिव (सूचना एवं प्रसारण) श्री संजय जाजू और मनोनीत गृह सचिव श्री गोविंद मोहन और अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया,