महाकुंभ 2025: फ्लाइट का टिकट 500% महंगा, 7वें आसमान पर कीमत, प्रयागराज की बजाय सिंगापुर जाना है ज्यादा सस्ता

प्रयागराज में हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ एक धार्मिक उत्सव और भारत के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक होता है, जहां लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. 144 साल बाद इस महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, और इस बार का उत्साह पहले से कहीं अधिक है. लोग दूर-दराज से महाकुंभ में भाग लेने के लिए जुट रहे हैं, और एयरलाइन कंपनियों और ट्रेवल एजेंट्स के लिए ये वक्त खुशियों से भरा है. लेकिन, इस उत्सव की खुशी श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी मुसीबत बनती जा रही है, क्योंकि एयरलाइन कंपनियों ने टिकटों के दाम आसमान तक बढ़ा दिए हैं.

एयर टिकटों की कीमतों में 500% तक की वृद्धि

महाकुंभ की बढ़ती डिमांड को देखते हुए एयरलाइन कंपनियां अपने टिकटों की कीमतों को काफी बढ़ा चुकी हैं. Ixigo की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल से प्रयागराज का एक ओर-वे टिकट दिसंबर 2024 में जहां मात्र 3000 रुपये था, वहीं महाकुंभ के दौरान यह बढ़कर 17,796 रुपये तक पहुंच चुका है, यानी इसमें 498% की वृद्धि हो गई है. यह इतना अधिक है कि आप इस राशि में दिल्ली से सिंगापुर का टिकट भी बुक कर सकते हैं, जो गूगल पर सर्च करने पर 20,000 से 27,000 रुपये के बीच मिल रहा है.

ट्रैवल पोर्टल्स पर भारी भीड़

महाकुंभ की बढ़ती मांग के चलते एयरलाइन टिकटों के अलावा ऑनलाइन बुकिंग में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. अनुमान है कि इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु पहुंच सकते हैं, जो टिकटों की बढ़ी मांग को और बढ़ा रहे हैं. हालांकि, महाकुंभ का धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं की आस्था इसके लिए सस्ता और सुविधाजनक यात्रा विकल्प तलाशने को प्रेरित कर रहा है.

भोपाल से प्रयागराज के टिकटों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिल रही है, लेकिन अन्य शहरों से भी टिकटों के दामों में इज़ाफा हुआ है. Ixigo की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली से प्रयागराज का टिकट 21% महंगा हो गया है, जबकि मुंबई से प्रयागराज जाने के टिकटों में 13% की वृद्धि आई है. दिल्ली से प्रयागराज के लिए टिकटों की कीमत अब 19,497 रुपये से लेकर 26,215 रुपये तक हो चुकी है.

क्या श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंच पाएंगे?

महाकुंभ 2025 के लिए यात्रा की लागत में इस तरह की वृद्धि ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को और महंगा बना दिया है. हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि बहुत से श्रद्धालु ट्रेनों या बसों के माध्यम से यात्रा करने का विकल्प चुन रहे हैं, ताकि वे ज्यादा खर्च न करें. इसके बावजूद, महाकुंभ का उत्साह कम नहीं हुआ है, और यह आयोजन हर साल की तरह श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना हुआ है.

महाकुंभ के आयोजन से जुड़ी एयरलाइन कंपनियों की इस कीमत वृद्धि ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि धार्मिक आयोजन भी व्यावासिकता की चपेट में आ सकते हैं, जिससे आम श्रद्धालु प्रभावित हो सकते हैं.