बैकफुट पर बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, गोडसे को 'देशभक्त' बताने के बाद आज लोकसभा में मांग सकती हैं माफी
मध्यप्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ( MP Pragya Thakur) नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को देशभक्त बताकर विवादों में घिर गईं हैं. विरोधी पार्टियों समेत खुद बीजेपी को उनका यह बयान रास नहीं आया. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को प्रज्ञा ठाकुर को तलब किया था. जिसके बाद उन्हें रक्षा मामलों की सलाहकार समिति से हटा दिया गया था. अब वहीं अटकलें लगने लगी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ बीजेपी (BJP) बड़ी कार्रवाई कर सकती है. इसी बीच यह भी खबर आ रही है कि प्रज्ञा ठाकुर आज लोकसभा में अपने बयान पर सफाई देकर माफी मांग सकती हैं.
नई दिल्ली:- मध्यप्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ( MP Pragya Thakur) नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को देशभक्त बताकर विवादों में घिर गईं हैं. विरोधी पार्टियों समेत खुद बीजेपी को उनका यह बयान रास नहीं आया. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को प्रज्ञा ठाकुर को तलब किया था. जिसके बाद उन्हें रक्षा मामलों की सलाहकार समिति से हटा दिया गया था. अब वहीं अटकलें लगने लगी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ बीजेपी (BJP) बड़ी कार्रवाई कर सकती है. इसी बीच यह भी खबर आ रही है कि प्रज्ञा ठाकुर आज लोकसभा में अपने बयान पर सफाई देकर माफी मांग सकती हैं.
दरअसल डीएमके (DMK) सांसद ए राजा एसपीजी संशोधन बिल पर लोकसभा में अपनी राय रख रहे थे. इसी दौरान उन्होंने एक उधाहरण देते हुए नाथूराम गोडसे के एक बयान का जिक्र किया जिसमें गोडसे ने बताया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को क्यों मारा था. थी उसी दरम्यान प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इसके विरोध में खड़े होकर कहा, देशभक्तों का उदाहरण मत दीजिए. जिसका विपक्षी सांसदों ने भारी विरोध किया. बाद में हालांकि बयान को सदन की कार्यवाही से हटा लिया गया.
प्रज्ञा ठाकुर ने दी थी ये सफाई
गौरतलब हो कि अपने विवादित बायान के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने "ऊधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा, बस. कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है कि दिन में भी रात लगने लगती है. किंतु सूर्य अपना प्रकाश नहीं खोता, पलभर के बवंडर में लोग भ्रमित न हों, सूर्य का प्रकाश स्थाई है. सत्य यही है कि कल मैंने ऊधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा, बस.