Wrestlers' Sexual Harassment Case: बृजभूषण सिंह के खिलाफ POCSO केस चलेगा या नहीं? 11 जनवरी को कोर्ट सुनाएगा फैसला
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर आदेश की घोषणा 11 जनवरी 2024 तक के लिए टाल दी है.
नई दिल्ली, 25 नवंबर: दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर आदेश की घोषणा 11 जनवरी 2024 तक के लिए टाल दी है.
पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) छवि कपूर ने यह कहकर मामले को स्थगित कर दिया कि आदेश तैयार नहीं है. पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट 15 जून को दायर की गई थी, और पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा इसका विरोध नहीं किया गया था. Cash for Query Case: महुआ मोइत्रा की बढ़ी मुसीबत, CBI ने TMC सांसद के खिलाफ जांच शुरू की
1 अगस्त को कथित पीड़िता और उसके पिता ने मामले में पुलिस की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताते हुए पुलिस जांच से संतुष्टि व्यक्त की थी. उन्होंने एएसजे कपूर के समक्ष कक्ष में कार्यवाही में अपना बयान दर्ज कराया था. 4 जुलाई को कोर्ट ने पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता से जवाब मांगा था.
पुलिस द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की गई 550 पेज की रिपोर्ट में कहा गया था कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई पुष्टिकारक सबूत नहीं मिला.
दिल्ली पुलिस ने कहा, "पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है."
नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों पर एफआईआर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के साथ शील भंग करने के कृत्य के तहत दर्ज की गई थी.
हालांकि, नाबालिग पहलवान के पिता ने बाद में आगे बढ़कर दावा किया कि उन्होंने बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की "झूठी" शिकायत दर्ज की थी.
पिता ने आरोप लगाया कि उनकी हरकतें उनकी बेटी के प्रति डब्ल्यूएफआई प्रमुख के कथित पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर गुस्से और हताशा से प्रेरित थीं.
सूत्रों के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 164 के तहत नाबालिग का दूसरा बयान 5 जून को अदालत में दर्ज किया गया था, जिसमें उसने बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप वापस ले लिया था.