लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार यानि आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बातचीत करते हुए कहा कि, 'राज्य में 8 से 18 वर्ष तक के उन सभी बच्चों को जिन्हें स्कूल में होना चाहिए लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए बाल श्रम करना पड़ता है ऐसे बच्चों के लिए आज एक नई योजना 'बाल श्रमिक विद्या योजना' का प्रारंभ किया जा रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, 'इस योजना के तहत पहले चरण में जिन 57 जनपदों में सर्वाधिक बाल श्रम से जुड़े हुए कामकाजी बच्चे अब तक रिकॉर्ड किए गए हैं वहां पर 2000 बच्चों का चयन करते हुए बालकों को 1000 प्रति माह और बालिकाओं को 1200 प्रति माह देने की व्यवस्था के साथ ये योजना लागू की जा रही है.
इस योजना में पहले चरण में जिन 57 जनपदों में सर्वाधिक बाल श्रम से जुड़े हुए कामकाजी बच्चे अब तक रिकॉर्ड किए गए हैं वहां पर 2000 बच्चों का चयन करते हुए बालकों को1000प्रति माह और बालिकाओं को1200प्रति माह देने की व्यवस्था के साथ ये योजना लागू की जा रही है: UP CM योगी आदित्यनाथ https://t.co/9wVMSWkCas
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2020
इसके अलावा उन्होंने कहा बाल श्रमिक विद्या योजना' में 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 6000 रु. की अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान भी दिया गया है.
बता दें कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया का भविष्य बच्चे हैं, लेकिन आज के इस वक्त में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो स्कूल जानें या फिर खेलने की जगह, काम करने के लिए मजबूर हैं ताकि दो वक्त की रोटी खा सकें.
'बाल श्रमिक विद्या योजना' में 8वीं,9वींऔर 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 6000 रु. की अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान भी दिया गया है: UP CM योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/uAjxcidUH5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2020
बच्चों का इस तरह से काम करना एक चिंता का विषय है. स्कूल जानें और खेलने कूदने की उम्र में बहुत से बच्चे दो वक्त की रोटी के लिए काम करने को मजबूर हैं. इसी वजह से हर साल 12 जून को बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस (World Day Against Child Labour 2020) मनाया जाता है.