गुलाम नबी आजाद के पद न लेने के पीछे क्या हैं कारण
कांग्रेस ने मंगलवार को वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद को प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया, लेकिन आजाद ने कुछ देर बाद ही पद लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने इसके पीछे स्वास्थ्य की वजह बताई है, लेकिन कहीं न कहीं राज्य में चुनाव के दौरान आजाद खुद को ड्राइविंग सीट पर चाहते हैं. हालांकि, इस मसले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं.लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं तो वह इस बार भी सीएम पद पर खुद को देखना चाहेंगे.
नई दिल्ली, 17 अगस्त: कांग्रेस ने मंगलवार को वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद(Ghulam Nabi Azad) को प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया, लेकिन आजाद ने कुछ देर बाद ही पद लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने इसके पीछे स्वास्थ्य की वजह बताई है, लेकिन कहीं न कहीं राज्य में चुनाव के दौरान आजाद खुद को ड्राइविंग सीट पर चाहते हैं. हालांकि, इस मसले पर जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं.लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं तो वह इस बार भी सीएम पद पर खुद को देखना चाहेंगे. यह भी पढ़ें: UP Transfer Policy: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब यूपी में सभी तबादलों में लेनी होगी मुख्यमंत्री की मंजूरी
पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के साथ साथ वो जम्मू-कश्मीर के हालातों को करीबी से जानते भी हैं. वहीं इस कमेटी के सदस्यों को चुने जाने के दौरान उनसे सलाह भी नहीं ली गई, इसलिए उनके समर्थक भी नाराज हैं.सूत्रों का कहना है कि कमेटी में रहने से उनका कद भी छोटा होगा, यह एक कारण भी है जिसकी वजह से उन्होंने पद लेने से इनकार कर दिया. वे पहले से ही कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं, सोनिया गांधी को सलाह देने वाली पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के अहम अंग भी हैं.
दरअसल केंद्र की ओर से इसी साल गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया है. वहीं जम्मू क्षेत्र में बड़ी संख्या में आजाद के वफादार रामबन, डोडा, किश्तवाड़, रियासी और उधमपुर जिले से हैं .इन 5 जिलों में विधानसभा की 12 सीटें हैं .आठ महीने पहले इन जिलों पर ध्यान केंद्रित कर आजाद किंगमेकर बनने की कोशिश कर रहे थे.