कोलकाता:- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2020) में भले ही अभी समय हो लेकिन राज्य में सियासी गहमागहमी और बिसाते बिछने लगी हैं. इस बार टीएमसी (TMC) के सामने बड़ी चुनौती है कि बीजेपी के जीत पर कैसे विराम लगाएं. लेकिन सबसे बड़ी समस्या उनकी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के भीतर घमासान को कैसे रोकें. दरअसल टीएमसी में कई नेता पार्टी से नाराज है, इसमें सबसे आगे नाम वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) का चल रहा है. इस बात की पुष्टि इससे साफ हो जाती है कि सुवेंदु अधिकारी पहले हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (HRBC) चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. अब उन्होंने ममता सरकार में परिवहन मंत्री पद को भी छोड़ दिया. कयास लगाया जा रहा है कि सुवेंदु बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
सूत्रों की माने तो सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी पार्टी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर नाराज है. लेकिन अभी तक उन्होंने इसपर कुछ भी नहीं कहा है. सुवेंदु अधिकारी का बंगाल की राजनीति में बड़ा कद है. राज्य के मिदनापुर और जनजातीय क्षेत्र जंगलमहल में तृणमूल के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं. ऐसे अगर उन्होंने अपना रुख बीजेपी की तरफ किया तो यह ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा झटका होगा. पश्चिम बंगाल: PWD मंत्री अरूप बिस्वास ने माझेरहाट पुल उद्घाटन में देरी के लिए रेलवे अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार.
ANI का ट्वीट:-
West Bengal: Suvendu Adhikari resigns as the state Transport Minister pic.twitter.com/lagBRIrE3w
— ANI (@ANI) November 27, 2020
गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल के चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं और ऐसे समय पर सुवेंदु अधिकारी ने एक अराजनैतिक बैनर के तहत पूर्वी मिदनापुर के खेजुरी में एक विशाल रैली भी निकाली थी. दरअसल बीते कुछ महीनों में पार्टी नेताओं से दूरी रखने और मंत्रिमंडल की बैठकों में भी हिस्सा नहीं लेने पर ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि वह पार्टी में रहेंगे या नहीं. इस बीच उन्होंने एक सभा के दौरान कहा था कि वह कठिन परिश्रम से पार्टी में ऊंचे पद तक पहुंचे हैं और उन्हें पैराशूट से सफलता नहीं मिली है. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके द्वारा पार्टी में शामिल किये गए लोग अब उनके विरोधी बन गए हैं.