कोरोना एक्सप्रेस के बयान पर घिरीं ममता बनर्जी, भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा-मजदूरों से मांगें माफी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 31 मई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को 'कोरोना एक्सप्रेस' बताने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद ने प्रवासी मजदूरों की तुलना वायरस से किए जाने को उनका अपमान बताते हुए मेहनतकश जनता से माफी मांगने की मांग की है. दार्जिलिंग लोकसभा सीट से सांसद राजू बिष्ट ने ममता बनर्जी के इस कमेंट पर नाराजगी जताते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि एक तो राज्य सरकार अपने लोगों को वापस लाने में सहयोग नहीं कर रही है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार की मदद से जो लोग ट्रेनों से लौट रहे हैं तो उनकी तुलना वायरस से कर अपमान कर रहीं हैं.

दरअसल, बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कोरोना एक्सप्रेस बताया था. भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने आईएएनएस से कहा, "पश्चिम बंगाल के बाहर अपनी आजीविका के गए लोगों के संकट की इस घड़ी में लौटने पर उनकी वायरस से तुलना करना शर्मनाक है. अगर 34 वर्षों के कम्युनिस्ट और नौ साल के तृणमूल कांग्रेस सरकार के कुशासन ने पश्चिम बंगाल की आर्थिक रीढ़ न तोड़ी होती तो राज्य के लोगों को कमाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता. आज पश्चिम बंगाल की जनता पर 4.7 लाख करोड़ का कर्ज है." यह भी पढ़ें-कोरोना संकट: सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से की अपील, पश्चिम बंगाल की करें मदद, कहा-यह राजनीति का वक्त नहीं

भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि राज्य की खराब हालत के कारण प्रतिभाशाली और हुनरमंद लोगों को बाहर रोजगार के लिए जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. राज्य में कंपनियों के निवेश के खिलाफ आंदोलन कर ममता बनर्जी सत्ता में आईं और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता बचे-खुचे उद्ममियों को भी धमकाने और उनसे उगाही करने में जुटे हैं। कट मनी सिस्टम और सिंडीकेट राज के कारण पश्चिम बंगाल में ईमानदारी से आजीविका कमाना मुश्किल हो गया है.

भाजपा सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल को अपने लोगों को वापस लाने के लिए राज्यों को अनुमति दी, बावजूद इसके पश्चिम बंगाल सरकार ने इस दिशा में पहल नहीं की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य में ट्रेनों को आने की अनुमति देने से मुकरतीं रहीं। जबकि दूसरे राज्य बाहर फंसे अपने लोगों को राशन और आर्थिक सहायता देते में जुटे रहे. राजू बिष्ट ने कहा कि अपने हाल पर छोड़ दिए गए राज्य के प्रवासी मजदूर जब ट्रेनों से लौटने लगे तो अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस कहकर उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है.