सपा के लिए राम आराध्य पर भाजपा के लिए वोट देव: रामगोविंद चौधरी
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी को खांटी समाजवादी माना जाता है। वह अपने साफगोई के लिए जाने जाते है. उन्होंने अपने दम पर राजनीति में एक नया स्तंभ स्थापित किया है. आईएएनएस से एक विशेष वार्ता में उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सपा के लिए भगवान श्रीराम आराध्य हैं, जबकि भाजपा के लिए वह वोट देव हैं.
लखनऊ, 27 नवम्बर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी (Ramgovind Chowdhury) को खांटी समाजवादी माना जाता है. वह अपने साफगोई के लिए जाने जाते है. उन्होंने अपने दम पर राजनीति में एक नया स्तंभ स्थापित किया है. आईएएनएस से एक विशेष वार्ता में उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सपा के लिए भगवान श्रीराम आराध्य हैं, जबकि भाजपा के लिए वह वोट देव हैं. UP: अखिलेश यादव का तंज, कहा- यह कैसी सरकार है, एक तरफ तो हवाई अड्डे बेच रही है तो दूसरी तरफ नया बना रही है
नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे रामगोविंद चौधरी ने चुनाव के दौरान वोटों के धुव्रीकरण के सवाल पर कहा कि अखिलेश यादव की ओर से अगर एक भी असंसदीय शब्द का प्रयोग हुआ हो तो कहीं से भी खोंज कर लें. भाजपा के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों व अन्य नेता ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो समाज में स्वीकार्य नहीं है. सरकार में पहली बार बने एक मंत्री आज कल असंसदीय शब्दों का खूब प्रयोग कर रहे है. उन्होंने कहा कि राम हमारे लिए आराध्य हैं जबकि भाजपा के लिए वह वोट देव हैं.
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे दल के पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष अयोध्या गए थे, वहां उन्होंने राम के अस्तित्व को नकारा. इसके बाद सपा से निकाल दिए गए. वहीं जो अपने को राम का असली भक्त बताते हैं ऐसी भाजपा के एक सहयोगी जो अभी एमएलसी बने हैं और उनके पुत्र भाजपा से सांसद हैं, उन्होंने राम के बारे में क्या टिप्पणी की है. सबको पता है. उन्होंने कहा है कि राम दशरथ के पुत्र नहीं हैं. उनकी इस टिप्पणी पर भाजपा का कोई नेता नहीं बोला है. दरअसल भाजपाई राम को भी ठगने वाले लोग हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद एक वर्ग विशेष का वोट सपा के पक्ष में ट्रान्सफर न हो पाने के सवाल पर रामगोविन्द ने कहा कि उस चुनाव में हम लोग ठगी के शिकार हो गए थे. हमारे नेता और कार्यकर्ता सिर्फ वोट जोड़ते रह गए. मांगने नहीं गए. इसी में भाजपा ने ठग लिया. वह गलती दोबारा नहीं होगी.अब जमीनी स्तर पर काम हो रहा है. अखिलेश यादव की समाजवादी रथ यात्रा को अभूतपूर्व प्यार मिल रहा है. हाल ही में उनकी रथ यात्रा गाजीपुर से लखनऊ के लिए जब चली तो पूर्वांचल एक्सप्रेस पर जनसैलाब उमड़ पड़ा.
सपा में बसपा समेत अन्य दलों के नेताओं के समायोजन के सवाल पर रामगोविंद ने कहा कि हम किसी को बुला नहीं रहे हैं बल्कि लोग खुद आ रहे हैं. सभी देख रहे हैं कि हमारा गुजारा अन्य दलों में नहीं है. टिकट मिले या न मिले जो राजनीतिक लोग हैं सरकार बनाने वाली पार्टी की ओर अपने आप खिंचे चले आ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की रथ यात्रा जहां भी गई चाहे वह कानपुर से बुंदेलखण्ड तक की हो अथवा गोरखपुर से कुशीनगर की, हर रथ यात्रा में जनता उमड़ रही है। इससे स्पष्ट है कि जनता अब जाग चुकी है. योगी सरकार को उखाड़कर फेंकने का मन उसने बना लिया है.
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी का आश्वासन मिला, 2017 और 2019 में भी वही बात की गयी. लेकिन, जनता को मिला कुछ नहीं. शौचालय राष्ट्रीय कार्यक्रम है यह कोई उपलब्धि नहीं है. भाजपा ने अपने संकल्पपत्र का कोई वादा पूरा नहीं किया. वहीं सपा सरकार में इससे दोगुना कार्य हुए थे. चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने जो कहा उसे किया नहीं. जो लोग अपनी मांगों को लेकर आए इस सरकार में उन्हें लाठी मिली और जेल भेजा गया. महंगाई असमान छू रही है. जनता को सिर्फ भाषण पिलाया गया.
वह इनके भाषण से अब ऊब चुकी है. सरकार कह रही है कि चार लाख नौकरी दी, पर किसे मिली पता नहीं. सैकड़ों लोगों को जबरन रिटायर कर दिया गया है. वहीं सपा सरकार में हर विभाग में नौकरी दी गई थी. सुभाष पासी के भाजपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा डर दिखाकर कुछ लोगों को अपनी ओर कर रही है. जो एमएलसी गए हैं, उनपर प्रतिक्रिया दी कि ऐसे लोग सरकार के साथ रहते हैं. पहले बसपा में थे फिर सपा में आये और अब भाजपा में चले गए.
साढ़े चार साल सपा मुखिया जनता के बीच दिखाई ही नहीं दिए और अब जब चुनाव आया तो वह घर से बाहर निकले हैं, भाजपा के इस आरोप पर चौधरी ने कहा, "अमित शाह तो राजनीतिक व्यक्ति है ही नहीं. उनकी बात को कौन सुन रहा है. उन्होंने कहा कि 2017 में योगी सरकार के गठन के छह माह बाद ही 9 अगस्त को पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया गया. कोई ऐसा साल नहीं बीता है जिसमें सपा सड़क पर न हो. सबसे ज्यादा केस सपाइयों पर ही है. अमित शाह पहले हम लोगों का जवाब दें. अपातकाल में न तो अमित शाह जेल गए न ही प्रधानमंत्री मोदी. अपातकाल की लड़ाई सबसे बड़ी थी."
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के सवाल पर रामगोविंद ने कहा, "इससे भाजपा का ग्राफ और घटेगा, क्योंकि किसानों ने इसे मांगा नहीं था. यह तो उनपर जबरदस्ती थोपा गया था. किसानों की असल मांग एमएसपी पर कानून बनाने की है. डीजल का दाम कम करें. ट्यूबेल के लिए बिजली का रेट कम हो. लेकिन इस पर सरकार ने कुछ किया नहीं. ऐसे में भाजपा की बात पर अब किसी को विश्वास नहीं है."