नागरिकता संशोधन बिल: शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अमित शाह को लिखा पत्र, कहा- शिया समाज को भी लिस्ट में करें शामिल
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) शिया वक्फ बोर्ड (Shia Central Waqf Board) के चेयरमैन वसीम रिजवी ( Wasim Rizvi) ने गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को पत्र लिखकर कहा है अपील कि है कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship (Amendment) Bill) शिया समाज को शामिल किया जाए. वसीम रिजवी ने पत्र में लिखकर कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, केन्या, बंग्लादेश, सीरिया समेत सऊदी अरब में सुन्नी समाज बहुमत हैं लेकिन शिया समाज अल्पमत में हैं. उनकी हत्या की जा रही है, वहां उनके साथ अमानवीयता के साथ व्यवहार किया जा रहा है. इन कारणों के बाद शिया समाज को भी हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के तहत भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी ये अपील करता हूं.
नई दिल्ली:- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) शिया वक्फ बोर्ड (Shia Central Waqf Board) के चेयरमैन वसीम रिजवी ( Wasim Rizvi) ने गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को पत्र लिखकर कहा है अपील कि है कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship (Amendment) Bill) शिया समाज को शामिल किया जाए. वसीम रिजवी ने पत्र में लिखकर कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, केन्या, बंग्लादेश, सीरिया समेत सऊदी अरब में सुन्नी समाज बहुमत हैं लेकिन शिया समाज अल्पमत में हैं. उनकी हत्या की जा रही है, वहां उनके साथ अमानवीयता के साथ व्यवहार किया जा रहा है. इन कारणों के बाद शिया समाज को भी हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के तहत भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी ये अपील करता हूं.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को अपनी मंजूरी दे दी थी. इस विधेयक का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राजद और वाम दलों जैसी विपक्षी पार्टियों द्वारा जोरदार तरीके से विरोध करने के साथ-साथ क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार (आज) को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश करने वाले हैं. यह भी पढ़ें:- नागरिकता बिल पर शिवसेना ने साफ किया अपना रुख, कहा- नहीं हो वोट बैंक की राजनीति, 25 सालों तक नए नागरिकों को मत दो मतदान का अधिकार.
गौरतलब हो कि लोकसभा में पारित होने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जायेगा. यह विधेयक लोकसभा में आसानी से पारित होने के आसार हैं क्योंकि निचले सदन में बीजेपी को बड़ा बहुमत है. राज्यसभा में भी गंभीर अवरोध के आसार कम हैं क्योंकि अतीत में सरकार को कुछ विवादास्पद विधेयकों पर बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिला था. गृह मंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने इस विषय पर राजनीतिक दलों एवं पूर्वोत्तर के नागरिक समूहों से व्यापक चर्चा की है और उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है.