उत्तर प्रदेश: पशुपालन विभाग भर्ती घोटाला मामले में निदेशक समेत छह बड़े ऑफिसर निलंबित, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- किसी को भी कानून से खेलने नहीं देंगे
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'किसी को भी कानून से खेलने नहीं देंगे. सभी आयोगों के प्रमुखों को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एसपी सरकार के कार्यकाल के दौरान पशुपालन विभाग में हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए पशुपालन विभाग के अपर निदेशक सहित छह अफसरों को रविवार को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी को भी कानून और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'किसी को भी कानून से खेलने नहीं देंगे. सभी आयोगों के प्रमुखों को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए. राज्य को युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा.'
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बता दें कि 2012-13 में पशुधन अधिकारियों की भर्ती में हुए घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एसआईटी ने भर्ती में घोटाले का पर्दाफाश किया है. जांच में पाया गया कि भर्ती में मनमाने तरीके से मानकों को दरकिनार किया गया. प्रदेश भर में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की हुई भर्ती में अफसरों ने लिखित परीक्षा 100 की जगह 80 अंकों की करवाई और 20 अंकों का साक्षात्कार रख दिया. इसके सहारे मनपसंद अभ्यर्थियों को चुना गया.
योगी सरकार ने 28 दिसंबर, 2017 को मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी. एसआईटी ने जांच के बाद शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने निदेशक के साथ छह अपर निदेशक को निलंबित करने का आदेश दिया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)