त्रिपुरा सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार आज, क्या माणिक साहा के नए सीएम बनने के बाद पुराने सभी मंत्रियो को फिर से कैबिनेट में मिलेगी जगह?

त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष माणिक साहा ने रविवार को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली .राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने यहां राजभवन में एक समारोह के दौरान 69 वर्षीय दंत चिकित्सक से राजनेता बने साहा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. माणिक साहा के शपथ के बाद उनके मंत्रिमंडल का विस्तार आज होने जा रहा है.

त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा (Photo Credits Twitter)

Tripura Cabinet Expansion: त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष माणिक साहा (Manik Saha) ने रविवार को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे एक दिन पहले बिप्लब कुमार देब ने शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने यहां राजभवन में एक समारोह के दौरान 69 वर्षीय दंत चिकित्सक से राजनेता बने साहा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. माणिक साहा के सीएम पद की शपथ लेने के बाद सोमवार यानी आज उनके मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है. ऐसे में क्या पुराने सभी नेताओं को कैबिनेट में जगह मिलेगी सभी की निगाहें होगी.

मुख्य विपक्षी माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक हमलों का आरोप लगाते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि भाजपा के नौ विधायक और उनकी सहयोगी आईपीएफटी के दो विधायक सोमवार को शपथ लेंगे. त्रिपुरा मंत्रिपरिषद में 12 मंत्रियों की जगह है. यह भी पढ़े: Manik Saha Tripura New CM: जानें कौन हैं माणिक साहा, जो बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद त्रिपुरा के होंगे नए मुख्‍यमंत्री

एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी, साहा 31 मार्च को त्रिपुरा की एकमात्र सीट से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। अब उन्हें अगले छह महीनों के भीतर विधानसभा के लिए चुना जाना है.दो बेटियों के पिता साहा, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर भी हैं और अगरतला स्थित बी.आर. अंबेडकर मेमोरियल टीचिंग हॉस्पिटल से जुड़े हैं। वह त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह 2015 में भाजपा में शामिल हुए थे और 2021 में पार्टी के राज्य अध्यक्ष बने. 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा का चुनाव जनवरी-फरवरी 2023 में होना है.

मई 2019 से त्रिपुरा ने देब के खिलाफ असंतुष्ट भाजपा विधायकों और नेताओं द्वारा विद्रोह की लहरें देखीं, जिन्होंने बाद में एक सार्वजनिक बैठक बुलाकर सार्वजनिक जनादेश प्राप्त करने की घोषणा की। बाद में केंद्रीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद इस कदम को रद्द कर दिया गया था. 51 वर्षीय देब 9 मार्च, 2018 को मुख्यमंत्री बने, जब विधानसभा चुनावों में वाम मोर्चे को हराकर भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सत्ता में आया, बाद के 25 साल के शासन को समाप्त कर दिया.

भाजपा विधायकों और नेताओं के एक वर्ग द्वारा खुली नाराजगी के बीच, पिछले साल 31 अगस्त को कैबिनेट विस्तार हुआ, जिसमें तीन मंत्रियों को शामिल किया गया. भाजपा के तीन विधायक सुदीप रॉय बर्मन (पूर्व मंत्री भी), आशीष कुमार साहा, आशीष दास ने देब के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी छोड़ दी. रॉय बर्मन और आशीष साहा इस साल फरवरी में कांग्रेस में शामिल हुए थे, जबकि दास पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे.

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