तृणमूल कांग्रेस का पीएम नरेंद्र मोदी पर पलटवार, किसानों के प्रति ‘ममता’ दिखाने को कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को लेकर की गई टिप्पणियों के लिए उन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना रुख नरम करें और उनकी तरफ थोड़ी ‘ममता’ दिखाएं।

नरेंद्र मोदी व ममता बनर्जी (Photo Credits PTI)

कोलकाता, तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लेकर की गई टिप्पणियों के लिए उन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना रुख नरम करें और उनकी तरफ थोड़ी ‘ममता’ दिखाएं. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में केंद्र की कई योजनाओं को लागू नहीं करने के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोग उनसे ‘ममता’ दिखाने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन उन्हें ‘निर्ममता’ मिली.

राज्य में अपनी पहली रैली में मोदी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर ‘‘भ्रष्टाचार एवं कुशासन’’ के आरोप लगाए और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने पिछले दस वर्षों में ‘‘कई बेइमानियां’’ कीं जिस कारण लोगों ने उन्हें सत्ता से हटाने का निर्णय किया है. मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद एवं प्रवक्ता सौगत राय ने कहा कि बंगाल के लोग ‘‘चुनाव में भाजपा को लाल कार्ड दिखाएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाने के बजाय प्रधानमंत्री को किसानों के मुद्दे पर अपना रुख नरम करना चाहिए और पिछले 70 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति थोड़ी ‘ममता’ दिखानी चाहिए.’’ यह भीं पढ़े: Smriti Irani attacks Rahul Gandhi: स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को किसानों से किए वादे की याद दिलाई

राय ने आरोप लगाया, ‘‘कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन हमें मोदी जी की ममता दिखाई नहीं दी.’’ इस बीच, नादिया जिले के नवद्वीप में पार्टी की बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार एक तरफ किसानों पर जुल्म कर रही है और दूसरी तरफ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा किसानों के प्रति फर्जी स्नेह जता रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नड्डा खुद को किसानों का मित्र करार नहीं दे सकते जबकि उनकी सरकार दिल्ली में लगातार किसानों पर ‘‘अत्याचार’’ कर रही है.

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