UP Elections 2022:  यूपी में दूसरे चरण के लिए 55 सीटों पर चुनाव कल, बीजेपी-सपा के बीच कड़ा मुकाबला; कई दल त्रिकोणीय बनाने की स्थिति में
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits PTI)

Uttar Pradesh Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण में जिन 55 विधानसभा सीटों पर चुनाव है वहां कितनी सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP) बीजेपी और कांग्रेस की कितनी सीटों पर वापसी हो सकती है, किस सीट पर हो सकता है कड़ा मुकाबला, किन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है? उत्तरप्रदेश में दूसरे चरण के चुनाव 9 जिलों में होंगे, जिनमें 55 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. इन सीटों पर कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं. जहां भी बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबले के आसार हैं, लेकनि कई सीटों पर बसपा, कांग्रेस के साथ ही अन्य मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की स्थिति में हैं.

हालांकि साल 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके की 55 सीटों में से 38 सीटें बीजेपी को, 15 सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) को और दो सीटें कांग्रेस को मिली थीं. पिछला विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था जसमें सपा के खाते में आईं 15 सीटों में से 10 पर पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे जबकि पहले चरण की 58 सीटों में से बीजेपी ने 53 सीटें जीतीं और सपा-बसपा पार्टी को दो-दो और राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट ही मिली थी. यह भी पढ़े: UP Election 2022: दूसरे चरण में सोमवार को इन दिग्गजों की होगी अग्निपरीक्षा, जानें कौन-कहां से हैं चुनावी मैदान में

सपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन किया था. दोनों चुनावों में इन 55 सीटों पर बीजेपी के मुकाबले गठबंधन की सियासत को लाभ मिला। लेकिन, इस बार सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों के अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरने से राजनीतिक समीक्षकों का दावा है कि मतों का बिखराव होगा और इसके मद्देनजर बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है. बसपा ने भी इस इलाके में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं और अपनी सक्रियता बढ़ाई है.

पिछले विधानसभा चुनाव में जहां सपा और कांग्रेस को कुल 17 सीटों पर जीत मिली, वहीं लोकसभा चुनाव में इस इलाके की 11 सीटों में से सात सीटें बसपा-सपा गठबंधन के हिस्से में आयी थी.  इनमें से चार सीटों (सहारनपुर, नगीना, बिजनौर और अमरोहा) पर बसपा जीती, जबकि सपा को मुरादाबाद, संभल और रामपुर में तीन सीटों पर जीत मिली थी.

दूसरे चरण की 55 विधानसभा सीटें-बेहट, नकुड़, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर, मनिहारन सु., गंगोह, नजीबाबाद, नगीना सु., बढ़ापुर, धामपुर, नेहटौर सु., बिजनौर, चांदपुर, नूरपुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, कुदंरकी, बिलारी, चंदौसी सु., असमौली, सम्भल, स्वार, चमरउवा, नौगंवा सादात, अमरोहा, हसनपुर, गुन्नौर, बिसौली सु., सहसवान, बिल्सी, बदायूं, शेखुपुर, दातागंज, बहेड़ी, मीरागंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर सु., बिठारी चैनपुर, बरेली, बरेली कैण्ट, आंवला, कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां सु., शाहजहांपुर और ददरौल शामिल है. इनमें कुल कुल -20142441 मतदाता , 55 विधानसभा सीटों पर मतदान करेंगे। . जिनमें 10761476- पुरुष मतदाता, 9379704- महिला मतदाता और थर्ड जेंडर- 1261, कुल 586 प्रत्याशी मैदान में हैं.

वहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 55 सीटों में सबसे अधिक 77.53 प्रतिशत वोट नकुड़ विधानसभा सीट पर पड़े थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी इसी सीट पर 77.18 प्रतिशत मतदान हुआ था.

वहीं सहारनपुर की देवबंद, रामपुर की मनिहार, संभल की संभल और असमोली सीट, बिजनौर की नगीना, धामपुर व बिजनौर सीट को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। देवबंद के शब्बीरपुर गांव में भी वर्ष 2017 में जातीय हिंसा के बाद इसे संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। आशंका बताई जा रही है कि यहां शरारती तत्व गड़बड़ी कर सकते हैं। संवेदनशील श्रेणी में रखे जाने के साथ ही इन क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस की अतिरिक्त कंपनियां तैनात रहेंगी। इन क्षेत्रों की सभी गतिविधियों पर पुलिस का सख्त पहरा है.

सोमवार को होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में नौ जिलों सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर की 55 विधानसभाओं में होने वाले मतदान मे कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें सबसे अधिक 15-15 उम्मीदवार कांठ, बरेली कैंट और शाहजहांपुर में है। खास बात ये है कि दूसरे चरण के चुनाव में किसी विधानसभा सीट पर 15 से ज्यादा उम्मीदवार नहीं है। लिहाजा इन सभी विधानसभाओं में सिर्फ एक ईवीएम इस्तेमाल में लाई जाएगी. उल्लेखनीय है कि एक ईवीएम में 16 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए जा सकते हैं.

गौरतलब है कि दूसरे चरण में 8 विधानसभा सीटें आरक्षित श्रेणी में आती हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो इनमें से 7 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. जबकि एक सीट सपा के खाते में गई थी। इस चरण में 8 ऐसी भी सीटें हैं जिस पर 2017 में मामूली मतों के अंतर से हार जीत का फैसला हुआ था जिसमें 5 सीटें भाजपा के खाते में गई थी और 3 सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी.

दूसरे चरण के चुनाव में जिन दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है। उनमें एक तरफ जहां योगी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना, गुलाबो देवी और बलदेव सिंह औलख चुनाव मैदान में हैं. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान, पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी, कमाल अख्तर और महबूब अली जैसे कद्दावर नेता हैं. जिन के भाग्य का फैसला 14 तारीख को होना है.

रामपुर में 'राज' बचाने के लएि इस बार आजम खान जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं. रामपुर सीट इस बार बेहद हॉट सीट बनी हुई है. यूपी के दिग्गज राजनीतिक शख्सियत रहे आजम खान इस सीट से एक बार फिर मैदान में हैं. दिलचस्प यह है कि आजम खान इस बार जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में उनका मुकाबला बीजेपी के आकश सक्सेना, बसपा के सदाकत हुसैन, कांग्रेस के नवाब काजिम अली खान से है.

वहीं आजम खान के बेटे अब्दुला आजम खान स्वार सीट से चुनावी मैदान में हैं। वह कुछ दिनों पहले ही जेल से बाहर आए हैं। इसके बाद सपा ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है। सपा के कद्दावर नेता और रामपुर के सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान स्वार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं.

इस चुनाव में उनका मुकाबला बीजेपी - अपना दल (सोनेलाल) गठबंधन के उम्मीदवार हैदर अली खान से माना जा रहा है. वहीं बसपा ने शकंरपाल को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने राम रक्षपाल सिंह को मैदान में उतारा है.

शाहजहांपुर मे मंत्री सुरेश खन्ना की प्रतिष्ठा भी उत्तरप्रदेश के दूसरे चरण के चुनाव में दांव पर लगी हुई है। इस सीट पर भाजपा और समाजवादी पार्टी आमने-सामने है। शाहजहांपुर की सदर सीट से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना चुनाव मैदान में हैं जिनकी टक्कर समाजवादी पार्टी के तनवीर खान से है। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर सर्वेश चंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया है। साल 2017 के चुनाव में सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 16 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया था.

वहीं भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी पार्टी छोड़ने के बाद इस बार सपा की टिकट पर सहारनपुर के नकुल विधानसभा से चुनाव मैदान में हैं। यहां पर उनका सामना भाजपा के मुकेश चौधरी से है। माना जा रहा है कि इस सीट पर भी कड़ी टक्कर होने वाली है.

इसी तरह आंवला विधानसभा सीट पर भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्मपाल सिंह चुनाव मैदान में हैं. धर्मपाल सिंह का सामना सपा उम्मीदवार राधाकृष्ण शर्मा, बहुजन समाज पार्टी के लक्ष्मण प्रसाद, और कांग्रेस के ओमवीर यादव से है। जिसकी वजह से यह सीट भी हॉट सीट में बदल गई है। इस सीट पर सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है.

यूपी की बिलासपुर विधानसभा से योगी सरकार से एकमात्र सिक्ख मंत्री बलदेव सिंह औलख चुनाव मैदान में हैं। 2017 में इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी। इस सीट पर बलदेव सिंह औलख के सामने समाजवादी पार्टी के अमरजीत सिंह, बहुजन समाज पार्टी के रामअवतार कश्यप और कांग्रेस के संजय कपूर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं माना जा रहा है कि इस बार का चुनाव बलदेव सिंह औलख के लिए आसान साबित नहीं होने वाला है।.

वहीं पश्चिमी यूपी की अमरोहा विधानसभा सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री रहे महबूब अली की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।उन्हें इस चुनाव में एक फिर सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि इस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने राम सिंह सैनी को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं बसपा ने नवीद अयाज को टिकट दयिा है. कांग्रेस के टिकट से सलीम खान चुनावी मैदान में हैं.

इसके साथ ही संभल से चंदौसी सीट से योगी सरकार में मंत्री गुलाबो देवी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं जिनकी टक्कर कांग्रेस के मिथिलेश, समाजवादी पार्टी के विमलेश और बहुजन समाज पार्टी के रणविजय सिंह के साथ है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होंगे. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को हुए.वहीं दूसरे चरण के मतदान 14 फरवरी यानी सोमवार को हैं. इसके बाद 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को कराया जाएगा। मतगणना 10 मार्च को कराई जाएगी.