सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, तेजबहादुर यादव ने वाराणसी (Varanasi) लोकसभा क्षेत्र से अपने नामांकन के खारिज होने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तेजबहादुर की इस याचिका को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से कहा था कि वह तेजबहादुर का वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन रद्द होने के मामले में उसकी शिकायतों पर गौर करे. बता दें कि तेजबहादुर ने वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था.
Supreme Court dismisses plea of former BSF constable & SP candidate Tej Bahadur Yadav (in file pic)against rejection of his nomination from Varanasi LS constituency. A Bench headed by CJI Gogoi dismissing the plea said, “We don’t find any merit to entertain this petition” pic.twitter.com/SjusLxv5ZC
— ANI (@ANI) May 9, 2019
निर्वाचन अधिकारी द्वारा वाराणसी संसदीय सीट पर तेजबहादुर का नामांकन रद्द होने के बाद उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. तेजबहादुर का कहना था कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘वाक ओवर’ देने के लिए किया गया. निर्वाचन अधिकारी ने एक मई को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेजबहादुर यादव का नामांकन पत्र रद्द कर दिया था. यादव को सीमा सुरक्षा बल में जवानों को मिलने वाले भोजन के बारे में शिकायत संबंधी एक वीडियो पोस्ट करने की घटना के बाद साल 2017 में सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था. यह भी पढ़ें- तेजबहादुर यादव ने पीएम मोदी के खिलाफ भरा दम, कहा- 'उनसे करूंगा पुलवामा हमले पर सवाल'
वाराणसी संसदीय सीट के लिए समाजवादी पार्टी ने शुरू में शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद में उसने बीएसएफ के बर्खास्त जवान को अपना उम्मीदवार बना लिया था. यादव के नामांकन पत्र को खारिज करते हुए निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित स्वरूप में प्रमाण पत्र नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार के लिए या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता दिखाने के लिए बर्खास्त किया गया.