उत्तर प्रदेश और राजस्थान में यह सहयोगी दल बढ़ाएगा मोदी-शाह की मुश्किलें, बीजेपी को हो सकता है नुकसान
बता दें कि अकाली दल और बीजेपी के बीच पंजाब में गठबंधन है. पिछला लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों ने साथ मिलकर लड़ा था. मगर हाल के दिनों में दोनों के बीच रिश्तों में खटास की ख़बरें आई है. राज्यसभा उप-सभापति चुनाव के दौरान भी बीजेपी-अकाली दल के बीच रिश्तों में तनातनी देखी गई थी.
नई दिल्ली: जैसे-जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सभी सियासी पार्टियां अपनी ताकत की आज़माइश में लग गई हैं. इसी कड़ी में शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के चुनावी दंगल में उतरने की तैयारी कर रही है. पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के बाद हम राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी अपनी पार्टी के लिए संभावना तलाश रहे हैं.
बता दें कि रविवार को बादल ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी हरियाणा में अपने दम पर आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने सिख समुदाय से अकाली दल से जुड़ने के लिए अपील भी की.
बता दें कि अकाली दल और बीजेपी के बीच पंजाब में गठबंधन है. पिछला लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों ने साथ मिलकर लड़ा था. मगर हाल के दिनों में दोनों के बीच रिश्तों में खटास की ख़बरें आई है. राज्यसभा उप-सभापति चुनाव के दौरान भी बीजेपी-अकाली दल के बीच रिश्तों में तनातनी देखी गई थी.
अकाली दल चाहती थी की एनडीए की ओर से उसके पार्टी के किसी सांसद को राज्यसभा का उप सभापति बनाया जाए मगर बीजेपी ने जेडीयू सांसद हरिवंश को मौका दिया. हालांकि, बाद में बीजेपी अकाली दल को मानाने में कामयाब रही.
वैसे महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी अगला चुनाव अकेले के दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. शिवसेना और बीजेपी दोनों के बीच आए दिन तकरार होती रहती है.