पहले ...तो ढहा दो ताजमहल, SC ने अब पर्यावरण-वन मंत्रालय पर उठाए सवाल, कहा आप हैं जिम्मेदार
वहीं, एएसआइ ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके महानिदेशक ताजमहल रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे. एएसआइ ने कहा कि 2013 में ही ताजमहल पर यूनेस्को की योजना दी थी
नई दिल्ली: ताजमहल संरक्षण को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत में लगातार सुनवाई हो रही है. इसी कड़ी में सोमवार को कोर्ट एक बार सख्त नजर आया. बताना चाहते है कि कोर्ट ने ताजमहल के रखरखाव और संरक्षण के लिए ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) अध्यक्ष, पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को जिम्मेदार माना. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षण और रखरखाव पर सरकारी उदासीनता पर कहा था कि अगर इसे संभाल नहीं सकते हैं तो ढहा दीजिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की सुरक्षा को लेकर किेए जा रहे उपायों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को सुस्त बताया था.
वहीं, एएसआइ ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके महानिदेशक ताजमहल रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे. एएसआइ ने कहा कि 2013 में ही ताजमहल पर यूनेस्को की योजना दी थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल पर हमारी चिंता यूनेस्को द्वारा दिखाए गई रिपोर्ट से भी कहीं ज्यादा अधिक होनी चाहिए.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. क्या यहां कोई तमाशा चल रहा है या मजाक हो रहा है.
गौर हो कि इससे पहले पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने इसके लिए योजना पेश की थी. हलफनामे में केंद्र सरकार ने बताया था कि ताजमहल के संरक्षण और आगरा के विकास के लिए कई योजनाएं सरकार ने तैयार की हैं.