नई दिल्ली, 7 सितंबर: 'सनातन धर्म' पर विवादास्पद बयान को लेकर तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
वकील विनीत जिंदल ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर कहा कि वह सनातन धर्म के अनुयायी हैं और स्टालिन जूनियर द्वारा दिए गए "घृणास्पद भाषण" से व्यथित हैं. Sanatana Dharma Row: सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर उदयनिधि स्टालिन की सफाई, कहा- अपने रुख पर कायम, लेकिन किसी धर्म के खिलाफ नहीं
याचिका में कहा गया है कि आवेदक ने पहले ही दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कर द्रमुक नेता के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है, लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) अभी तक दर्ज नहीं की गई है.
Delhi-based lawyer files in the Supreme Court an application seeking FIR against Tamil Nadu Minister and DMK leader Udhayanidhi Stalin for his remarks calling for the eradication of ‘Sanatana Dharma’.
The application also seeks contempt of court action against Delhi and Chennai… pic.twitter.com/9Q9u7ztmWO
— ANI (@ANI) September 7, 2023
वकील आर.के. चौधरी के माध्यम से दायर आवेदन में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों को लागू नहीं करने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना की भी मांग की गई है.
याचिका में शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में पक्षकार बनाने की मांग की गई थी, जहां राज्य सरकारों और पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा औपचारिक शिकायतों के दर्ज होने की प्रतीक्षा किए बिना नफरत भरे भाषण के मामलों में स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि 'बहुत गंभीर मुद्दों' पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कोई भी देरी अदालत की अवमानना को आमंत्रित करेगी, क्योंकि देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई की जरूरत है.
याचिका में आरोप लगाया गया कि उदयनिधि स्टालिन की कार्रवाई ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी भड़काई.
इससे पहले, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों और युद्ध के दिग्गजों सहित 262 प्रतिष्ठित नागरिकों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे तमिलनाडु के मंत्री द्वारा दिए गए कथित नफरत भरे भाषण पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.
गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा.
तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा था, "इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ1ावा देता है."
उदयनिधि ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा : "मैं यह बात लगातार कहूंगा."