नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर बहस गरमा गई है. इस बीच संघ पर बैन लगाने की बात चली. आरएसएस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष एक बार फिर आमने सामने है. इस कड़ी में अब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस के घोषणा पत्र का करारा जवाब देते हुए कहा कि संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी. सीएम का यह पलटवार कांग्रेस के उस घोषणा पत्र पर है जिसमें पार्टी ने वादा किया है कि वह सरकारी स्थानों में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाएगी.
आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कांग्रेस के वचनपत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में किए गए वादे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि संघ के हर आयोजन में सभी को जाने की छूट रहेगी. सीएम ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए खरगोन में कहा "संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी और सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की शाखा में हिस्सा लेंगे. कोई इस पर रोक नहीं लगा सकता"
सीएम ने कहा कांग्रेस अहंकार में जी रही है
सीएम शिवराज ने कहा, ‘‘मैंने ही संघ की शाखा मे जाने का प्रतिबंध हटाया था. कांग्रेस अहंकार में जी रही है, संघ के हर आयोजन मे सभी को जाने की आगे भी छूट रहेगी.’बता दें कि शिवराज सोमवार को खरगोन जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. तभी पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस के घोषणापत्र से जुड़ा सवाल पूछा तो जवाब में शिवराज ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि संघ के हर आयोजन में सभी को जाने की अनुमति आगे भी जारी रहेगी. यह भी पढ़ें- कांग्रेस 'वचन पत्र' में RSS पर लगाम का एलान, भड़की बीजेपी ने किया पलटवार
आरएसएस को बताया देशभक्त संगठन
बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के बेड़िया में बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी सभा करने आए मुख्यमंत्री शिवराज ने संघ को देशभक्तों का संगठन बताया और कहा कि सरकारी कर्मचारी ही नहीं, हर देशभक्त संघ की शाखा में जा सकता है. चौहान ने कहा, 'मैंने ही संघ की शाखा मे जाने का प्रतिबंध हटाया था. कांग्रेस अहंकार में जी रही है, संघ के हर आयोजन मे सभी को जाने की आगे भी छूट रहेगी.'
गौरतलब हो कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शासकीय भवनों में आरएसएस की शाखा और सरकारी कर्मचारियों के शाखा में जाने पर बैन की बात लिखी थी जिसके बाद से नाराज बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया, दोनों पार्टियों के बीच अक्सर आरएसएस को लेकर गरमा-गर्मी दिखाई देती है. हालांकि कांग्रेस इस पर सफाई दे चुकी है लेकिन बीजेपी अब इस मुद्दे पर कांग्रेस को खरी-खरी सुनाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती है. यह भी पढ़ें- कांग्रेस का वादा, मध्यप्रदेश में सत्ता मिली तो सरकारी कैंपस में बैन होंगी RSS की शाखाएं
ज्योतिरादित्य की सफाई
आरएसएस मुद्दे पर सफाई देते हुए कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे पर कहा कि धर्म को राजनीति में नहीं लाना चाहिए. हमारा मकसद है राजनीति को धर्म से दूर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक संगठन से नहीं जुड़े, इसलिए कांग्रेस ने इस मुद्दे को वचन पत्र में शामिल किया है.