सर्वोच्च न्यायालय ने CM शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ याचिका खारिज की

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया. मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के.के मिश्रा ने 'डंपर घोटाले' में चौहान की कथित भूमिका के विरुद्ध आपराधिक शिकायत से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी.

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया. मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के.के मिश्रा ने 'डंपर घोटाले' में चौहान की कथित भूमिका के विरुद्ध आपराधिक शिकायत से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी. न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया, जबकि कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह याचिका वापस लेना चाहते हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा, "याचिका खारिज हो गया, क्योंकि इसे वापस ले लिया गया है." न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, "हम जानते हैं कि चुनाव आने वाले हैं, जाइए और चुनाव लड़िए." डंपर को कथित रूप से मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने चुनाव शपथपत्र में कम आमदनी दिखाने के बावजूद खरीदा था. कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि चौहान के शपथ पत्र के अनुसार, उनके बैंक खाते में 2.3 लाख रुपये थे, जोकि 2 करोड़ रुपये तक के भारी वाहन को खरीदने के लिए अपर्याप्त हैं.

जनवरी 2018 में, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मिश्रा की चौहान के विरुद्ध शिकायत को खारिज किए जाने के संबंध में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया था. न्यायालय ने कहा था कि उनकी याचिका में कोई दम नहीं है. सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि मिश्रा को मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके बयान को रिकार्ड करने और चौहान के विरुद्ध सभी दस्तावेजी सबूत को पेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए.

मिश्रा के अनुसार, "4 अप्रैल 2006 को चुनावी शपथपत्र में, चौहान ने अपनी और अपनी पत्नी साधना की संपत्ति का खुलासा किया था, लेकिन एक महीने बाद चौहान की पत्नी ने अपर्याप्त राशि होने के बावजूद चार भारी वाहन खरीदे."

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