रतलाम लोकसभा सीट: 19 मई को होगी भिड़ंत, दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद बीजेपी से छीन गई थी कमान
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का प्रचार अभियान चरम पर है. इस चरण में सात राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के उनसठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रविवार (19 मई) को वोट डाले जाएंगे.
भोपाल: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का प्रचार अभियान चरम पर है. इस चरण में सात राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के उनसठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रविवार (19 मई) को वोट डाले जाएंगे. मध्य प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट पर भी इसी दिन मतदान होगा. यहा से कांग्रेस ने दोबारा अपने वर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है. जबकि बीजेपी ने रतलाम सीट से बीजेपी ने वर्तमान झाबुआ विधायक जीएस डामोर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी और कांग्रेस ने रतलाम निर्वाचन क्षेत्र का सामाजिक ताना-बाना समझकर अपना प्रत्याशी घोषित किया है. दरअसल मध्य प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट साल 2009 में अस्तित्व में आई. यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए रिज़र्व रखी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रतलाम में 73.54 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति, जबकि 4.51 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है.
रतलाम का 2014 में हाल-
दिलीप सिंह भूरिया (बीजेपी)- 5 लाख 45 हजार 980 वोट
कांतिलाल भूरिया (कांग्रेस)- 4 लाख 37 हजार 523 वोट
गौरतलब हो कि 24 जून 2015 को दिलीप सिंह भूरिया का अस्पताल में निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. उनके निधन के बाद 2015 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ. यहां से दिलीप सिंह की बेटी निर्मला चुनावी रण में उतरी लेकिन कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया से 88,877 मतों के अंतर से हार गई.