मंदी के बीच बोले राजनाथ सिंह- 2032 तक भारत बन सकता है 10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. इसी बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. सरकार की कोशिश है की वर्ष 2030-32 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 100 खरब अमेरिकी डॉलर बनाया जाए और इसमें रक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा
नई दिल्ली. देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) लगातार विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस केंद्र सरकार (Central Govt) को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. इसी बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) का भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. बता दें कि राजनाथ सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) की कोशिश है की वर्ष 2030-32 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 100 खरब अमेरिकी डॉलर बनाया जाए और इसमें रक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आगे कहा कि भारत के रक्षा मंत्रालय का प्रदर्शन अतीत में अपनी क्षमता के अनुसार नहीं रहा है.साथ ही भारत हथियारों के आयात पर भरोसा नहीं कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान 2.3 मिलियन रोजगार के अवसरों की कल्पना सरकार ने की है. यह भी पढ़े-अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर नितिन गडकरी ने कहा- कभी खुशी कभी गम चलता रहता है, मुश्किल समय बीत जाएगा
ज्ञात हो कि अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) के मंत्रियों द्वारा दिए जा रहे बेतुके बयान ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने अर्थव्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि Maths से अर्थव्यवस्था नहीं चलती है. साथ ही उन्होंने आगे कहा था कि Einstein को Gravity की खोज में मैथ्स ने मदद नहीं की थी. यह भी पढ़े-Einstein या Newton किसने की Gravity की खोज? सोशल मीडिया यूजर्स ने पीयूष गोयल के Maths से नहीं चलती अर्थव्यवस्था वाले बयान पर ली चुटकी
वही दूसरी तरफ रविवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) ने यूपी के बरेली में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में कहा था कि आज देश में नौकरी की कोई कमी नहीं है, लेकिन उत्तर भारत के युवाओं में काबिलियत नहीं है.