Rajyasabha Election:राजस्थान चुनाव से पहले राज्य में सियासी लड़ाई तेज हो गई है. राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस की सरकार ने आरोप लगाया है कि कुछ विधायकों को पैसे की पेशकश की गई है. कांग्रेस का आरोप है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने विधायकों को टूटने से बचने के लिए अपने और निर्दलीय विधायकों को एक रिसॉर्ट में भेज दिया है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने आननफानन में अपने आवास पर बैठक की. जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आने वाले समय में कांग्रेस झटका देगी तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए. राज्य की जनता सब समझती है. उन्होंने कहा पार्टी के नेता समझदार हैं और सभी एकजुट हैं.
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मध्य प्रदेश वाला खेल ही यहां खेला जा रहा था,हमारे विधायक बहुत समझदार हैं. उनको खूब लालच-लोभ देने की कोशिश की गई. मुझे गर्व इस बात का है कि हमारे साथ BSP के 6 और 13 निर्दलीय विधायक आए हैं. हिन्दुस्तान के इतिहास में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां एक रुपये का सौदा नहीं हुआ. बता दें कि राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होगा. कांग्रेस ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं -के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी. जबकि भाजपा ने भी दो उम्मीदवार -राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है.
ANI का ट्वीट:-
How long will you do politics by indulging in horse-trading? It will not be surprising if Congress gives them a jolt in the time to come. Public can understand everything. Today's meeting was very fruitful. Everyone is united, we'll meet again tomorrow: Rajasthan CM Ashok Gehlot https://t.co/bz7f9LWZwL pic.twitter.com/jS6zIHx4GG
— ANI (@ANI) June 11, 2020
वहीं कांग्रेस के इस आरोप के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी के नेताओं ने इसे प्रोपगंडा करार देते हुए कहा कि यह उनकी एक चाल है. बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और उसे आरएलडी के एक विधायक, और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है. जबकि बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है.