राहुल गांधी वायनाड के बाढ़ पीड़ितों से मिले, कहा- केंद्र और राज्य में हमारी सरकार नहीं, पर आपको हक दिलाना मेरा फर्ज
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस माह दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में राहत शिविरों का दौरा किया. इस क्षेत्र में वर्षा एवं भूस्खलन के कारण बड़े स्तर पर तबाही हुई है. चार दिनों के दौरे पर यहां आये गांधी ने चुनगाम और वलाड के शिविरों में लोगों को राहत सामग्री वितरित की और उनकी परेशानियों को सुना.
वायनाड. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस माह दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड (Wayanad) में राहत शिविरों का दौरा किया. इस क्षेत्र में वर्षा एवं भूस्खलन के कारण बड़े स्तर पर तबाही हुई है. चार दिनों के दौरे पर यहां आये गांधी ने चुनगाम और वलाड के शिविरों में लोगों को राहत सामग्री वितरित की और उनकी परेशानियों को सुना. कुछ लोगों ने कहा कि उनके मकान नष्ट हो गये और जमीन पानी में डूब गयी जबकि कुछ अन्य लोगों ने शिकायत की कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी 10 हजार रूपये की प्रारंभिक राहत राशि उन तक नहीं पहुंची है.
गांधी (Rahul Gandhi) ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार से फिर अनुरोध करेंगे कि प्रभावित परिवारों तक सभी आवश्यक सहायता पहुंचायी जाए. इसी दौरान एक महिला ने रोते हुए बताया कि राहत शिविर से वापस जाने पर उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है. यह भी पढ़े-वायनाड बाढ़: राहुल गांधी ने PM मोदी से की बात, पीड़ितों के लिए मांगी सहायता
लोगों ने उन्हें यह भी बताया कि शिविर से जाने के बाद उनके बच्चों के लिए स्कूल जाना मुश्किल है क्योंकि आपदा के कारण उन्होंने अन्य सामान के साथ साथ बच्चों की किताबें, बस्ते भी गंवा दिये हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल लोगों की बातों का अनुवाद कर गांधी को सुना रहे थे.
जींस और सफेद टीशर्ट पहने गांधी (Rahul Gandhi) का लोगों ने नारे लगाकर स्वागत किया. कन्नूर हवाई अड्डे पर पहुंचे गांधी मंगलवार एवं बुधवार को मनाथवाडी, सुल्थान बाथेरी और कालपेट्टा में लोगों से मिलेंगे और राहत शिविरों में जाएंगे.
कांग्रेस सांसद 29 एवं 30 अगस्त को कोझिकोड एवं मल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा करेंगे। दोनो विधानसभा क्षेत्र वायनाड संसदीय क्षेत्र के तहत आते हैं. गांधी इस माह के शुरू में भी अपने संसदीय क्षेत्र में आये थे. वायनाड एवं मल्लापुरम जिले में भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण कई भूस्खलन हुए. भारी वर्षा एवं भूस्खलन के कारण करीब 125 लोगों की जान गयी.
(भाषा इनपुट)