प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति जारी: प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने योगी सरकार से कहा-शाम 5 बजे नोएडा-गाजियाबाद की सीमा तक बसें पहुंचेंगी, रूट मैप रखें तैयार
सीएम योगी आदित्यनाथ/ प्रियंका गांधी वाड्रा ( फोटो क्रेडिट- IANS)

नई दिल्ली. कोविड-19 (COVID-19) का कोहराम देश में रोजाना बढ़ रहा रहा है. इस वायरस से निपटने के लिए केंद्र सहित राज्य सरकारें अपने स्तर पर काम कर रही हैं. कोरोना के चलते लॉकडाउन (Lockdown) को 31 मई तक केंद्र सरकार ने देश में बढ़ाया हुआ है. हालांकि लॉकडाउन 4.0 में कुछ छूट केंद्र सरकार की तरफ से दी गई है. वहीं प्रवासी मजदूरों (Migrant Labourers) के मसले को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) लगातार यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) पर हमलावर हैं. प्रियंका ने प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए 1 हजार बसें चलाने का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया था. जिसे सरकार ने स्वीकार किया है. बावजूद इसके मजदुर अब तक बसों में नहीं बैठ पाए हैं. लेकिन दोनों तरफ से इस मामले को लेकर बयानबाजी जारी है. इसी बीच एक बार फिर प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह (Sandeep Singh) ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पत्र लिखा कि हमारी कुछ बसें दिल्ली और राजस्थान से आ रही हैं.

बता दें कि पत्र में आगे कहा गया है कि आज शाम 5 बजे नोएडा/ गाजियाबाद की सीमा तक बसें पहुंच जाएंगी. इसलिए सही संचालन के लिए आप यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखें. इससे पहले यूपी में मजदूरों के लिए 1 हजार बसें चलाने के प्रस्ताव मानने के बाद प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने उत्तर प्रदेश सरकार को बसों और उनके चालकों का विवरण दिया था. यह भी पढ़े-प्रियंका गांधी का योगी शासन पर वार, कहा- यूपी की सरकार प्रवासी मजदूरों के मुद्दे का कर रही राजनीतिकरण

ANI का ट्वीट-

ज्ञात हो कि कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि आधी रात को कहा बसें लखनऊ लेकर आओ. सारे कागज दिखाओ. हम मास्क, ग्लूकोज, बिस्किट, सूखा खाना लेकर उप्र बॉर्डर पर ऊंचा नगला, आगरा पहुंचे तो अब कह रहे हैं कि बसों को गाजियाबाद और नोएडा लेकर आओ. ठीक है श्रीमान, हम आ रहे हैं.

गौर हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इससे पहले उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को लिखे एक पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी सरकार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के मुद्दे पर राजनीति कर रही है.