2019 लोकसभा चुनाव:  प्रणव मुखर्जी बन सकते हैं संयुक्त विपक्ष का चेहरा?
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तृतीय वर्ष ओटीसी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप) के समापन पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत की बहुलतावादी संस्कृति का बखान किया. नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में उन्होंने संविधान के अनुरूप देशभक्ति को ही असली राष्ट्रवाद बताया. उन्होंने यह साफ किया कि नफरत से राष्ट्रवाद कमजोर होता है और असहिष्णुता से राष्ट्र की पहचान क्षीण पड़ हाती है. उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में भिन्न मतों को स्वीकार किया जाना चाहिए. उनके इस भाषण के सभी तारीफ कर रहे है.

बहरहाल, प्रणब मुखर्जी की स्पीच के एक दिन बाद अब ऐसी ख़बर आ रही है कि पूर्व राष्ट्रपति को अगले साल होने वाले आम चुनाव में विपक्ष का चेहरा बन सकते हैं. CNN News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सपा और बसपा प्रणब को एकजुट विपक्ष का उम्मीदवार बनाने के लिए तैयार है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं किया है. बता दें कि बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि कांग्रेस कभी भी प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री नहीं बनाने देगी.

बहरहाल, गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान बहुलवादी समाज के विचार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तो तेजी से बढ़ रही है लेकिन नागरिकों को खुशी नहीं मिल रही है. हम हैपीनेस रैंकिंग में 133वें नंबर पर हैं. हमे देश में समृद्धि के लिए नए विचारों के साथ काम करना होगा.