ह्यूस्टन: हाउडी मोदी कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑयल सेक्टर के 16 सीईओ से की बातचीत
ह्यूस्टन आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले तेल सेक्टर के 16 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सार्थक वार्ता की. बैठक से पहले मोदी ने तेल सेक्टर के सीईओज के साथ फोटो खिंचवाई. इस दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर भी मौजूद थे.
ह्यूस्टन : ह्यूस्टन आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को सबसे पहले तेल सेक्टर के 16 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) से ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सार्थक वार्ता की. बैठक से पहले मोदी ने तेल सेक्टर के सीईओज के साथ फोटो खिंचवाई. इस दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए कहा, "भारत-अमेरिका मित्रता को और सशक्त करते हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे पहला कार्यक्रम ऊर्जा सेक्टर के सीईओज से मुलाकात करना है. भारत और अमेरिका इस क्षेत्र में विविधता पूर्ण सहयोग चाहते हैं."
मोदी के साथ अमेरिका की जिन प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने वार्ता की, उनमें बेकर हग्स, बीपी, चेनीर इनर्जी, डोमीनियन इनर्जी, इमरसन इलेक्ट्रिक कंपनी, एक्सनमोबिल, पेरट ग्रुप एंड हिलवुड, आईएचएस मार्किट, ल्योंडेलबासेल इंडस्ट्रीज, मैकडेरमट, स्क्लंबर्गर, टेल्यूरियन, टोटल, एयर प्रोडक्ट्स, विनमार इंटरनेशनल और वेस्टलेक केमिकल्स हैं.
इससे इतर भारत की पेट्रोनेट एलएनजी ने अमेरिका की तरलीकृत प्राकृति गैस (एलएनजी) डेवलपर टेल्यूरियन इंक से 50 लाख टन एलएनजी के लिए लूसियाना में स्थित एक सहायक कंपनी ड्रिफ्टवुड होल्डिंस में इक्विटी इनवेस्टमेंट के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन में ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ राउंडटेबल वार्ता की. उन्होंने कहा, "वार्ता में ऊर्जा सुरक्षा के लिए साथ काम करने और भारत तथा अमेरिका के बीच आपसी निवेश संभावनाओं का प्रसार करने पर फोकस रहा."
ह्यूस्टन अमेरिका की तेल और गैस राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है. भारत और अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए पिछले साल अमेरिका-इंडिया स्ट्रेटेजिक इनर्जी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिका ने 2017 में भारत को क्रूड ऑयल बेचना शुरू किया था, और एक प्रमुख स्रोत बन रहा है.
अमेरिका से आपूर्ति वित्त वर्ष 2018-19 में चार गुनी से ज्यादा बढ़कर 64 लाख टन हो चुकी है. अमेरिका से आपूर्ति के पहले सत्र वित्त वर्ष 2017-18 में सिर्फ 14 लाख टन आपूर्ति हुई थी. भारत ने नवंबर 2018 से मई 2019 तक अमेरिका से प्रतिदिन 1,84,000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा है.