नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenda Modi) ने शनिवार को कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि अगर राफेल पहले आ गया होता तो पाकिस्तान (Pakistan) पर हमले के परिणाम कुछ और होते. उन्होंने कहा कि राफेल (Rafale) पर स्वार्थनीति करते-करते लोग राजनीति करने लगे हैं. इन्हें ख्याल रखना चाहिए कि मोदी विरोध की जिद में मसूद अजहर (Masood Azhar) और हाफिज सईद (Hafiz Muhammad Saeed) जैसे आतंक के सरपरस्तों को सहारा न मिल जाए. पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमले के संबंध में मोदी ने कहा कि भारत के खिलाफ उंगली उठाने की किसी में हिम्मत नहीं है.
और नई नीतियों और नई परंपराओं को लाया जा रहा है. यहां इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि अगर राफेल होता तो परिणाम कुछ और होते. कांग्रेस की राजग सरकार पर राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद में देरी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "पहले स्वार्थ की राजनीति के कारण और बाद में विरोधी राजनीति के कारण देश को बहुत नुकसान हुआ है." विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "ये लोग मोदी विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं.
जब पूरी दुनिया आतंक की लड़ाई के खिलाफ हमारे साथ खड़ी है तो कुछ दलों के नेता सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इन लोगों के लेख, बयानों को पाकिस्तान सबूत की तरह पेश कर रहा है. ये लोग मोदी के विरोध में इतने गिर गए हैं कि देश का विरोध करने लगे हैं." उन्होंने राजनीतिक दलों से उनके राजनीतिक फायदे के लिए देश को कमजोर न करने की अपील की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की कार्रवाई ने देश के अंदर तथा बाहर वाले दुश्मनों में डर पैदा किया है. प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीयों की एकजुटता ने ही देश के भीतर और बाहर कुछ देश विरोधी लोगों में एक डर पैदा किया है. मैं यही कहूंगा कि यह डर अच्छा है.
जब भगोड़ों को उनकी संपत्ति के जब्त होने का डर हो तो यह डर अच्छा है. जब दुश्मन में भारत के पराक्रम का डर हो, तो यह डर अच्छा है. जब आतंक के आकाओं में सैनिकों के शौर्य का डर हो, तो यह डर अच्छा है. जब मामा (कथित अगस्तावेस्टलेंड सौदे में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल) के बोलने से बड़े-बड़े परिवार बौखला जाएं, तो यह डर अच्छा है." मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया अपने संसाधनों और विश्वास के दम पर आगे बढ़ रहा है और उसकी सरकार अपने देश के सर्वोच्च हितों के लिए कोई भी निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है.