रामलीला मैदान में बोले पीएम मोदी, 'बुलेट प्रूफ दीवारों में रहना न मेरी आदत है और न ही मेरा शौक'
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली. पीएम मोदी (PM Modi) राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं कि आपने मुझे आपकी सेवा करने का अवसर प्रदान किया. इससे पहले कि मैं आपको अपने काम का हिसाब दूं, मैं दिल्ली के हर व्यक्ति के प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा है जिसके लिए मैं आपसे माफी भी मांगता हूं. पीएम (Prime Minister) बनने के बाद मेरे साथ सुरक्षा चलती है. मैं बैरिकेडिंग देखता हूं और लोगों को आगे जाने से रोक दिया जाता है. कुछ लोगों को मेरी वजह से अपने घरों तक पहुंचने में देर होगी.

मोदी (PM Modi) ने आगे कहा कि रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आपका प्यार हमें ऊर्जा देता रहा है. उन्होंने कहा, 'बुलेट प्रूफ दीवारों में रहना न मेरी आदत है और न ही मेरा शौक है. दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में सफर करते हुए लोगों से घिर जाता हूं तो ये बड़े यादगार पल होते हैं. आपका यही प्यार हमें ऊर्जा देता रहा है. यह भी पढ़े-लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर बड़ा हमला, 'नोटबंदी और GST पर लड़कर दिखाइए चुनाव'

पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, 'हमने 5 साल में 1400 से ज्यादा गैर जरूरी कानूनों को खत्म किया है. ग्रुप-सी और ग्रुप-डी में इंटरव्यू खत्म किया जिससे भ्रष्टाचार रूका है. अब 24 घंटे में कंपनी खोलने का काम पूरा हो जाता है. जब साफ नीयत से काम होता है, ईमानदारी से काम करने का प्रयास किया जाता है तो नतीजे भी सामने आते हैं। जो महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा होती थी आज विपक्ष के लोग इसपर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं.

पीएम मोदी (PM Modi) ने आगे कहा, 'दिल्ली (Delhi) में पंजाब-हरियाणा का जोश है, तो पूर्वांचल की मिठास है, नोर्थ ईस्ट का उत्साह है तो दक्षिण भारत की सौम्यता. ये मेरा सौभाग्य है कि आपने मुझे सेवा का अवसर दिया.'

पीएम (PM Modi) ने कहा, 'जीएसटी (GST) ने देश में टैक्स का जाल खत्म किया है. जीएसटी (GST) को इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे देश को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले. जो महंगाई देश के हर चुनाव मे सबसे बड़ा मुद्दा होती थी. वो आज कैसे नियंत्रण में है, विपक्ष के लोग चाहकर भी उस पर कुछ बोल नहीं पा रहे.'