78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसके बाद देश को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया.
पीएम मोदी ने कहा,'आज हम उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र देश दिया, हम आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के कारण हम चिंतित हैं, कई लोगों ने अपने प्रियजनों, अपनी संपत्ति को खो दिया है, हम उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं.'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा,'आज शुभ घड़ी है. जब हम देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले और अपना जीवन समर्पित करने वाले आजादी के दीवानों को नमन कर रहे हैं. ये देश उनका ऋणी है. ऐसे हर देशवासी के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं.' देश को प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा जब हम 40 करोड़ थे, तब महासत्ता को हरा दिया, आज तो हम 140 करोड़ हैं.
आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी की तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे हैं।
- पीएम श्री @narendramodi
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— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) August 15, 2024
पीएम मोदी ने कहा- आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं... वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं. अभावों के बीच स्वतंत्रता के प्रति इनकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति इनकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए प्रेरक घटना है.
प्रधानमंत्री ने कहा- जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें. सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा. युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों... वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे. इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी.
वो एक समय था, जब लोग देश के लिए मर-मिटने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी. आज का समय, देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है. अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है, तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता 'समृद्ध भारत' भी बना सकती है.
प्राकृतिक आपदा के कारण चिंताएं बढ़ीं: PM मोदी
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा,'इस वर्ष और पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंता बढ़ती चली जा रही है. प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवार जन खोए हैं, संपत्ति खोई है. मैं आज उन सब के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि ये देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है.'
पीएम मोदी ने कहा,'एक समय था कि लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे. आज समय देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है. अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है. हमारे रिफॉर्म राजनीतिक मजबूरी नहीं हैं. हम नेशन फर्स्ट के संकल्प से प्रेरित हैं.'