ऐसा हुआ तो ओवैसी नहीं लड़ पाएंगे 2019 का आम चुनाव

लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग को लेकर एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि RP एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के ज़रिये वोट मांगने को प्रतिबंधित करती है.

असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग को लेकर एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि RP एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के ज़रिये वोट मांगने को प्रतिबंधित करती है. यदि AIMIM का आधार ही सांप्रदायिक है, तो वह धर्मनिरपेक्ष नही रह सकती, और निश्चित रूप से मुक्त तथा निष्पक्ष चुनाव को बाधित करेगी. हाईकोर्ट इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी.

दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर की गई जिसमें असदुद्दीन ओवैसी नीत एआईएमआईएम का एक राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि वह सिर्फ मुस्लिमों से संबंधित मुद्दे को उठाती है और धर्म के नाम पर वोट मांगती है.

शिवसेना की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग के 19 जून 2014 के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके जरिये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को तेलंगाना के राज्यस्तरीय दल की मान्यता दी गई थी.

याचिकाकर्ता तिरुपति नरसिंह मुरारी ने दावा किया कि एआईएमआईएम का संविधान और काम उच्चतम न्यायालय द्वारा तय दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और पार्टी को अयोग्य ठहराया जाना चाहिये क्योंकि उसके लक्ष्य और उद्देश्य धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा के खिलाफ हैं.  यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की जरूरतों में से एक है.

अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को एआईएमआईएम को पंजीकृत राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता देने और मानने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है.

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