नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. असम और बंगाल (West Bengal) के बाद विरोध अब उत्तर भारत पहुंच गया है. जिसके चलते कई जगहों से हिंसक घटनाएं भी सामने आ रही है. वही दूसरी तरफ अब राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर घमासान शुरू हो गया है. इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम (Congress Leader Former Home Minister P Chidambaram) ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. चिदंबरम ने कहा है कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के पास एक बड़ा और ज्यादा भयावह एजेंडा है.
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वह 2010 के एनपीआर का स्पष्ट रूप से समर्थन करे और यह भी स्पष्ट करे कि वह इसे राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से जोड़ने का इरादा नहीं रखती है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि भाजपा ने 2010 में आरंभ हुए एनपीआर की एक वीडियो क्लिप जारी की है. कृपया इसे सुनिए. हम देश के सामान्य नागरिकों की बात कर रहे हैं. नागरिकता पर नहीं, निवास पर जोर है.'' यह भी पढ़े-CAA and NRC: प्रशांत किशोर का दावा-एनआरसी पर प्रदर्शन थमते ही शुरू हो जाएगा काम, मोदी सरकार को लेकर कही ये बड़ी बात
पी चिदंबरम बोले-NRC और NPR के पीछे केंद्र सरकार का खतरनाक एजेंडा है
If the BJP's motives are bonafide, let the Government unconditionally state that they support the NPR form and design of 2010 and have no intention of linking it to the controversial NRC.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2019
चिदंबरम ने दावा किया कि भाजपा नीत सरकार का व्यापक और दुर्भावनापूर्ण एजेंडा है. इसलिए उनके द्वारा जिस एनपीआर को मंजूरी दी गयी है वह खतरनाक और 2010 के एनपीआर के लिखित ब्यौरे एवं सन्दर्भ से अलग है.''
ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की घोषणा की है. सरकार के इस फैसले को एनआरसी से जोड़कर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने इससे साफ इनकार किया है और सफाई देते हुए कहा है कि एनआरसी और एनपीआर दोनों के बीच कोई लिंक नहीं है.
(भाषा इनपुट के साथ)