Mrityunjay Tiwari On Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर निकल गई थीं. उन्होंने केंद्र सरकार पर उनका माइक बंद करने और कम समय दिए जाने का आरोप लगाया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को बंगाल सीएम का समर्थन किया है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "ममता दीदी के साथ जो व्यवहार नीति आयोग की बैठक में हुआ उसका आभास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहले से था. इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हुए. यह बैठक सिर्फ भाजपा की नीति बनाने के लिए आयोजित की गई.
अगर देश की नीति बनाई जाती तो सब की अहमियत को समझा जाता. बैठक में तो विपक्ष को बोलने ही नहीं दिया जा रहा है. जब विपक्ष को सुनने वाला कोई नहीं है तो फिर नीति आयोग की बैठक का क्या मतलब है?" उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी ने बैठक बीच में छोड़कर यह दिखा दिया कि लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत को कम नहीं समझा जाए. लोकतंत्र और संविधान में विपक्ष भी सरकार का अंग है. अगर ऐसी ही नीति वे लोग बनाते रहे तो देश का बंटाधार कर देंगे. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में विपक्षी 'इंडिया' ब्लॉक में शामिल तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची थीं, लेकिन वह बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल आई थीं. यह भी पढ़ें: Delhi Coaching Basement Case: दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त, बेसमेंट का व्यवसायिक इस्तेमाल आपराधिक गतिविधि- आम आदमी पार्टी
उन्होंने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. ममता बनर्जी ने कहा, "आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे सिर्फ पांच मिनट बोलने दिया गया. मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की. यह अपमानजनक है. यह सिर्फ बंगाल का ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है." बंगाल सीएम ने नीति आयोग को खत्म करके योजना आयोग को फिर से बहाल करने की भी मांग की है. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकारों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया था. इन राज्यों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने बजट में उनके साथ भेदभाव किया है.