निर्मला सीतारमण ने किया आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान, जानिए किसानों, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंंडर्स और गरीबों को क्या मिला
देश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. कोरोना के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया हुआ है. इसी के तहत निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस वार्ता के जरिए दूसरा किस्त में किसे क्या मिला इसका ऐलान किया है. कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों, गरीबो और किसानों को लेकर केंद्र सरकार लगातार निशाने पर रही है.
नई दिल्ली. देश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है. कोरोना के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया हुआ है. इसी के तहत निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस वार्ता के जरिए दूसरा किस्त में किसे क्या मिला इसका ऐलान किया है. कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों, गरीबो और किसानों को लेकर केंद्र सरकार लगातार निशाने पर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौ अहम फैसलों की जानकारी दी है. जिसमें छोटे किसानों, प्रवासी मजूदरों और स्ट्रीट वेंंडर्स और शहरी गरीब सहित समाज के निचले तबके के लोगों का समावेश है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, किसान और गरीब हमारी पहली प्राथमिकता में शामिल हैं. इसी के चलते कोरोना संकट आने पर हमने सबसे पहले गरीब के खाते में पैसे पहुंचाने का काम किया है. किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में पिछले मार्च और अप्रैल के महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किये गए, जिसकी राशि लगभग 86,600 करोड़ रूपये हैं और इससे कृषि क्षेत्र को बहुत बल मिला है. सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार किसानों से उनकी उपज खरीदने के लिए राज्यों को 6,700 करोड़ रुपये देगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं जिसकी लोन लिमिट 25 हजार करोड़ रुपये है. यह भी पढ़े-ठेले, रेहड़ी-पटड़ी वालों को मिलेगी 10 हजार तक की विशेष क्रेडिट सुविधा, 5 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि मुद्रा शिशु लोन के लिए सरकार 1,500 करोड़ रुपये की मदद देने जा रही है. मुद्रा लोन के तीन स्तर हैं, इसके पहले स्तर यानि शिशु लोन में 50 हजार रुपये तक का लोन छोटे-मोटे काम-धंधे करने के लिए दिया जाता है.
BJP का ट्वीट-
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना संकट का सबसे अधिक असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. जिसके चलते इन मजदूरों को मुफ्त भोजन का सामान हम देने जा रहे हैं. इन मजदूरों को 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलोग्राम दाल सरकार की तरफ से मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के कारण प्रवासी मजदुर वापस घर जा रहे हैं. उन्हें मनरेगा स्कीम के तहत फायदा पहुंचाया जा रहा है. मनरेगा कि दिहाड़ी 182 से बढ़ाकर 202 रुपये केंद्र सरकार ने कर दी है.
बीजेपी का ट्वीट-
वित्त मंत्री ने कहा कि नाबार्ड बैंक द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक और रिजनल रूरल बैंक को मार्च में 29,500 करोड़ रुपये की री-फाइनैंसिंग सरकार की तरफ से की गई है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेहड़ी, पटरी और ठेले पर सामान बेचने वाले हमारे भाई-बहन हैं उनके लिए 5000 करोड़ की विशेष सुविधा लेकर आए हैं. इसके तहत 10 हजार रुपए प्रति व्यक्ति तक लोन की सुविधा दी जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीब लोगों के लिए भारत सरकार ने पिछले 2 महीने में राज्य सरकारों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के रूप में बड़ी सहायता करने का काम किया है. इसमें प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों के लिए खाने-पीने को ध्यान में रखकर राज्यों को 11 हजार करोड़ से अधिक की रकम देने का काम किया है. प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को सस्ते किराए पर मकान दिलवाने की सरकार की योजना हैं. इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते दामों पर किराए का मकान दिया जाएगा.