NGT ने UP गवर्नमेंट को हॉस्पिटल्स पर अधूरी जानकारी के लिए 10 करोड़ रुपये जमा करने का दिया निर्देश

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बुधवार को राज्य के अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों और नर्सिंग होम की सटीक संख्या नहीं बता पाने पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को आड़े हाथ लिया

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (Photo Credit- Twitter)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal Act) ने बुधवार को राज्य के अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों और नर्सिंग होम की सटीक संख्या नहीं बता पाने पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को आड़े हाथ लिया. एनजीटी ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर पूरी जानकारी सौंपने का निर्देश दिया. अधिकरण ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार को इस शर्त पर और समय दिया कि वह काम पूरा करने की गारंटी देते हुए 10 करोड़ रुपये जमा कराएगी.

न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौड़ (Raghuvendra Singh Rathore) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अस्पतालों और अन्य चिकित्सा केन्द्रों की कुल संख्या के संबंध में तथ्यों में अंतर है. मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग (Medical Health Department) तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Boards) द्वारा दिये गये आंकड़े अलग अलग हैं.

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अधिकरण ने कहा कि आप अस्पतालों की कुल संख्या नहीं बता पा रहे हैं. हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार किस तरह से काम कर रही है. अधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि मेडिकल और स्वास्थ्य निदेशक का कहना है कि राज्य में 5240 सरकारी अस्पताल हैं जबकि पहले उसे जानकारी दी गई कि केवल 1643 अस्पताल हैं.

इस मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी. यह निर्देश उत्तर प्रदेश के पत्रकार शैलेश सिंह (Shailesh Singh) की याचिका पर आया जिसमें कचरा प्रबंधन नियमों का पालन नहीं कर रहे सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा कचरा निपटान संयंत्र बंद करने के निर्देश का अनुरोध किया गया था.

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