मध्य प्रदेश: बीजेपी को उसी के खेल में मात देने की तैयारी में राहुल गांधी, अपनाएंगे सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाने के बाद कमल नाथ भोपाल में प्रसिद्ध गुफा मंदिर, उज्जैन जिले में महाकाल मंदिर और दतिया जिले में सिद्ध देवी मंदिर में गए थे.
नई दिल्ली: गुजरात और कर्नाटक के बाद अब राहुल गांधी मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति अपनाएंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मध्य प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत ओंकारेश्वर मंदिर से करने वाले है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी सितंबर से मध्य प्रदेश के चुनावी दंगल में उतरेंगे. सूबे में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. कांग्रेस पार्टी बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी हैं. मध्य प्रदेश में 2003 से ही बीजेपी की सरकार हैं.
ज्ञात हो कि राजधानी दिल्ली में मंगलवार को राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी ने आगे की रणनीति पर मंथन किया और यह फैसला लिया कि कांग्रेस अध्यक्ष ओंकारेश्वर मंदिर से मध्य प्रदेश में चुनावी शंखनाद करेंगे. राहुल गांधी के प्रचार और कांग्रेस के घोषणापत्र में किसानों की समस्या, बेरोजगारी, महिलाओं की समस्या और बीजेपी सरकार की असफलता पर फोकस किया जाएगा. इस अहम बैठक में कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मौजूद थे.
सिंधिया ने संभाली कमान:
बता दें कि सूबे में पिछले 15 साल से बीजेपी की सरकार है. वहां दिग्विजय सिंह कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री रहे हैं. वैसे सूबे में बीजेपी सरकार के खिलाफ सत्ता की लहर भी नजर आ रही हैं और कांग्रेस पार्टी उसे भुनाने में जुटी है. कांग्रेस पार्टी ने वहां आक्रमक प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. सूबे के बडे कांग्रेसी नेता और गुना के संसद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार शिवराज सिंह सरकार पर हमला कर रहे हैं.
सिंधिया बीजेपी पर वार का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे है. वह आए दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करते हैं. इस काम में उन्हें प्रदेश की जनता का भी समर्थन हासिल हो रहा है.
कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी की समस्या:
वैसे मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की ख़बरें भी आ रही हैं. हाल ही में रीवा में दीपक बाबरिया के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर धक्का-मुक्की की थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाबरिया ने बयान दिया था कि राज्य में कमल नाथ और सिंधिया ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. इससे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह के समर्थक नाराज हो गए थे और उन्होंने बाबरिया से धक्का-मुक्की की थी.
बीएसपी से गठबंधन की तैयारी:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस इसबार किसी भी हाल में हारना नहीं चाहती. शायद यही वजह है कि पार्टी मायावती से भी गठबंधन करने के लिए तैयार है. सूबे के कुछ जिलों में बीएसपी की अच्छी पकड़ हैं और कांग्रेस वोटों का बंटवारा नहीं चाहती.
मध्य प्रदेश के आंकड़े:
मध्य प्रदेश में साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 230 में से 165 सीट मिली थी, कांग्रेस को 58 और बीएसपी को 4 सीट मिली थी. मगर 11 सीट पर बीएसपी दुसरे नंबर पर थी. अगर उस समय कांग्रेस मायावती के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरती तो बीजेपी को 30 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता.