Monsoon session of Parliament: मानसून सत्र में लिखित मिलेंगे सवालों के जवाब, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन बोले-ये संसद है गुजरात का जिमखाना नहीं
देश में कोरोना संकट के बीच संसद के मानसून सत्र का आगाज 14 सितंबर से हो रहा है. लेकिन इस सत्र शुरू होने से पहले ही राजनीतिक घमासान शुरू है. दरअसल विवाद सरकार के उस फैसले पर हो रहा है जिसमें प्रश्नकाल को हटाया गया है. लेकिन विपक्ष के विरोध के बाद अब सरकार ने अपने फैसले पर नरमी लेते हुए संसद के मानसून सत्र में लिखित में सवाल पूछने और लिखित में जवाब की बात कही है.
नई दिल्ली, 3 सितंबर. देश में कोरोना (Coronavirus Updates) संकट के बीच संसद के मानसून सत्र का आगाज 14 सितंबर से हो रहा है. लेकिन इस सत्र शुरू होने से पहले ही राजनीतिक घमासान शुरू है. दरअसल विवाद सरकार के उस फैसले पर हो रहा है जिसमें प्रश्नकाल को हटाया गया है. लेकिन विपक्ष के विरोध के बाद अब सरकार ने अपने फैसले पर नरमी लेते हुए संसद (Parliament) के मानसून सत्र में लिखित में सवाल पूछने और लिखित में जवाब की बात कही है. बावजूद इसके सरकार के इस फैसले पर विपक्ष हमलावर है. पश्चिम बंगाल के टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन (TMC MP Derek O'Brien) ने लिखित जवाब को लेकर कहा कि टुकड़े फेकना बंद करे, ये संसद है गुजरात (Gujarat) जिमखाना नहीं.
टीएमसी सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आपने प्रश्नकाल की इजाजत नहीं दी, जहां मंत्रियो को सांसदों के जवाब देने पड़ते हैं. फिलहाल आप लिखित सवाल-जवाब पर मान गए हैं. साथ ही टुकड़े फेकना अब बंद कर दीजिए, ये संसद है गुजरात जिमखाना नहीं. यह भी पढ़ें-Monsoon Session: मानसून सत्र को लेकर बैठक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिए खास निर्देश
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन का ट्वीट-
ज्ञात हो कि इससे पहले प्रश्नकाल रद्द करने के फैसले पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया था. साथ ही कांग्रेस भी इस मसले पर हमलावर है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह संसद को रबर स्टांप की तरह इस्तेमाल करना चाहती है.