Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे को झटका! शिंदे गुट को मिल सकते हैं 50 से ज्यादा बागी विधायक

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट जारी है. एक तरफ बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है.वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ रहे हैं.

एकनाथ शिंदे (Photo: PTI)

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट जारी है. एक तरफ बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है.वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिक विधायकों के शिंदे गुट में शामिल होने की संभावना है. शिवसेना के बागी नेता शिंदे ने 41 विधायकों के समर्थन का दावा किया.

गुरुवार को हुई शिवसेना विधायकों की मीटिंग में पार्टी के सिर्फ 13 MLA पहुंचे थे. जबकि महाराष्ट्र में उनके 55 विधायक हैं. इससे यह स्पष्ट है कि बाकी 42 विधायक शिंदे गुट के साथ हैं. इसमें से 37 विधायक शिंदे के पास गुवाहाटी पहुंच भी चुके हैं अन्य विधायक भी शिंदे गुट में कभी भी शामिल हो सकते हैं.

इस बीच विधायक संजय शिरसाट की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी भी चर्चा में आ गई है. संभाजीनगर (वेस्ट) यानी कि औरंगाबाद से शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में बताया कि बगावत का सबसे बड़ा कारण उद्धव का अपने विधायकों के लिए उपलब्ध न हो पाना, और NCP प्रमुख शरद पवार के निर्देशों पर काम करना है.

बागी विधायक संजय शिरसाट ने लिखा कि अतीत में, विधायकों ने उद्धवजी को सूचित किया कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. विधायकों ने उद्धवजी से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन वह उनसे कभी नहीं मिले."

क्या होगा फ्लोर टेस्ट?

महाराष्ट्र के वर्तमान सियासी संकट में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही है कि अब आगे क्या होगा? क्या महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट होगा? ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के विधायकों के ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अलग होने पर पैदा हुई थी. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है.

ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि ठाकरे की सरकार अब अल्पमत में आ गई है. लिहाज़ा अब हर किसी की निगाहें महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर टिकी हैं. क्या वो विधानसभा को भंग करने का फैसला लेंगे? या मामला फ्लोर टेस्ट तक पहुंचेगा.

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